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निर्मला सीतारमण: स्टार्टअप जलवायु परिवर्तन से निपटने, मोटा अनाज उत्पादन बढ़ाने पर काम करें

Admin4
26 Nov 2022 7:05 PM GMT
निर्मला सीतारमण: स्टार्टअप जलवायु परिवर्तन से निपटने, मोटा अनाज उत्पादन बढ़ाने पर काम करें
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बेंगलुरु: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को स्टार्टअप इकाइयों से जलवायु परिवर्तन, मोटा अनाज उत्पादन और किसानों की स्थिति में सुधार जैसे अपेक्षाकृत कम आकर्षक क्षेत्रों में भी काम करने की अपील की. सीतारमण ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन की बात कही. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का देश में कृषि प्रतिरूप पर असर पड़ेगा, अत: इससे निपटने के उपाय तलाशने होंगे.
उन्होंने कहा कि बेशक वे रक्षा उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु, उपग्रह, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में हैं. आप पहले से ही उन क्षेत्रों काम कर रहे हैं. मैं आपसे उन कुछ क्षेत्रों में भी काम करने की अपील कर रही हूं, जो अपेक्षाकृत कम आकर्षक हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप की तरफ से जलवायु और जलवायु परिवर्तन को लेकर जो नवोन्मेष सामने आ रहे हैं, वे काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. उन्होंने विभिन्न स्टार्टअप इकाइयों से किसानों, शहरी निवासियों की स्थिति में सुधार की दिशा में काम करने और स्वस्थ खान-पान के लिये मोटा अनाज के माध्यम से समाधान उपलब्ध कराने को कहा.
सीतारमण ने कहा कि वे मूल्यवर्धन के साथ उन बाजारों को भी देख सकते हैं जहां से किसानों के लिये बेहतर मूल्य प्राप्त हो. साथ ही उनके लिये रोजगार भी पैदा हो.उन्होंने कहा कि भारत में बेहतर जलवायु स्थिति के लिये जलवायु और इससे संबंधित समाधानों को महत्व दिया जाना चाहिए.वित्त मंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि अगर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये काफी महंगा साबित होगा और यह बिल्कुल भी वहन करने योग्य नहीं होगा.
सीतारमण ने इस मौके पर किसानों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि किसानों ने यह सुनिश्चित किया कि वर्ष 2020 और 2022 के बीच कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहे. यहां तक ​​कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी, जब दुनिया खाद्य सुरक्षा का सामना कर रही है, समृद्ध कृषि परंपरा वाले भारत जैसे देश अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम रहे. उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप को नये तरीके तलाशने होंगे, जिससे मॉनसून की अनिश्चितताओं से निपटा जा सके.
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