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प्रकोप: Nipah Virus ने बढ़ाई टेंशन, सरकार ने जारी किया अलर्ट
jantaserishta.com
15 Sep 2023 10:19 AM GMT
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कोझिकोड: केरल में निपाह बेकाबू होता नजर आ रहा है। यहां कोझिकोड जिले में एक 39 वर्षीय शख्स मिला है जो इस बीमारी के संक्रमण का शिकार हो गया है। इस व्यक्ति ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की मांग की थी, जहां पूर्व में निपाह वायरस से प्रभावित लोगों का पहले अन्य बीमारियों के लिए इलाज किया गया था। इसके साथ ही केरल में निपाह के कुल मामले बढ़कर छह हो गए हैं। जानवरों से मनुष्यों में प्रजातियों के बीच फैलने वाले जूनोटिक वायरस ने इस साल केरल में पहले ही दो लोगों की जान ले ली है। 2018 के बाद से यह बीमारी चौथी बार इस प्रदेश में फैली है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के ऑफिस ने इस 39 वर्षीय शख्स के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की है। इस शख्स को अस्पताल में निगरानी में रखा गया था।
केरल में जो वायरस पाया गया है वह बांग्लादेश वैरिएंट है। यह जंगल से 5 किमी दूरी पर पैदा हुआ था। यह वायरस इंसान से इंसान में फैलता है और इसकी डेथ रेट भी ज्यादा है। हालांकि राहत की बात यह है कि यह कम संक्रामक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने निपाह वायरस के संक्रमण के इलाज के लिए जरूरी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी केरल भेजी है। हालांकि यह दवा बीमारी के लिए सटीक नहीं साबित हुई है। फिलहाल एंटीवायरल के जरिए इसका इलाज किया जा रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) ने कोझिकोड में मोबाइल टेस्टिंग वैन भेजी हैं। इससे टेस्टिंग को बढ़ावा मिलेगा। स्थिति पर नजर रखने के लिए एक केंद्रीय टीम भी केरल में है। लोगों से कहा गया है कि वे ताड़ के पेड़ों से खुले बर्तनों में एकत्र की गई शराब से बचें।
इस बीच कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में 24 वर्षीय एक स्वास्थ्य कर्मी के कल इस वायरस से संक्रमित होने का पता चला था। इस मरीज की कांटैक्ट लिस्ट में 706 लोग हैं, जिनमें से 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, जबकि 153 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि उच्च जोखिम वाली श्रेणी में किसी में भी वर्तमान में लक्षण नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि कम से कम 13 लोग निगरानी में अस्पताल में हैं और उनमें सिरदर्द जैसे हल्के लक्षण दिख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक राज्य की लैब में मामलों की पुष्टि होने से पहले संक्रमण का सक्रिय रूप से पता लगाने का लक्ष्य रख रहा है। स्वास्थ्य प्रशासन लक्षणों की निगरानी कर रहा है ताकि पहले से अलर्ट जारी किया जा सके।
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