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कोलकाता (आईएएनएस) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कोलकाता के मोमिनपुर में 9 अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच अपने हाथ में ले ली। केंद्रीय एजेंसी को आशा है कि उसके द्वारा दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति बुधवार को कोलकाता की निचली अदालत में प्रस्तुत हो जाएगी और फिर वह आधिकारिक तौर पर कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में ले लेगी।
इसके पहले 12 अक्टूबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मैनपुरी जोयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रे की खंडपीठ के आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया था। इसका नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल कर रहे थे।
खंडपीठ ने मामले में एनआईए जांच के लिए कोई आदेश नहीं दिया था। केंद्रीय एजेंसी से जांच होगी या नहीं, यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के विवेक पर छोड़ दिया था।
खंडपीठ ने एसआईटी को दो सप्ताह के भीतर मामले में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के और राज्य सरकार को हिंसा से प्रभावित लोगों को मुआवजे का भुगतान करने व अदालत द्वारा की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस को संबंधित वीडियो फुटेज इकट्ठा करने के लिए भी कहा गया था।
कोर्ट के निर्देश के अनुसार एसआईटी ने जांच शुरू की और पांच प्राथमिकी दर्ज की। अब तक एसआईटी ने मामले में 57 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मोमिनपुर में दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत में शहर के पुलिस उपायुक्त समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर शहर के अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय बलों के जवानों की तैनाती की मांग की। उन्होंने सुकांत मजूमदार को हिरासत में लेने और प्रभावित क्षेत्र में जाने के उनके उनके लोकतांत्रिक अधिकार से इनकार करने पर शहर पुलिस की आलोचना भी की। अधिकारी ने कहा कि चाहे जितनी कोशिश कर लो, लेकिन आप भाजपा को नहीं रोक पाएंगे।
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