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फाइल फोटो
बड़ा एक्शन.
कोलकाता (आईएएनएस)| कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच कर रही राष्ट्रीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में अब तक छह प्राथमिकी दर्ज की है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी कलकत्ता उच्च न्यायालय को छह प्राथमिकियोंकी प्रतियां गुरुवार को सौंपेगी। साथ ही अदालत के निर्देश की मांग करेगी ताकि राज्य पुलिस आधिकारिक रूप से एनआईए को जांच का प्रभार सौंपे।
साथ ही केंद्रीय एजेंसी के वकील गिरफ्तार आरोपियों को एनआईए को सौंपने के लिए राज्य पुलिस के लिए अदालत के निर्देश की भी मांग करेंगे।
एनआईए ने हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशक के साथ-साथ चंद्रनगर पुलिस कमिश्नरेट और हावड़ा सिटी पुलिस के आयुक्तों को पत्र भेजकर राज्य पुलिस द्वारा दायर प्राथमिकी की प्रतियों सहित हिंसा से संबंधित दस्तावेज मांगे।
हालांकि शुरुआत में सीआईडी-पश्चिम बंगाल ने जांच का जिम्मा संभाला। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 27 अप्रैल को इसकी जांच एनआईए से कराने का आदेश दिया। पता चला है कि एनआईए ने राज्य पुलिस अधिकारियों से त्वरित प्रतिक्रिया मांगी है ताकि उसके अधिकारी जल्द से जल्द जांच शुरू कर सकें। एनआईए को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने 27 अप्रैल को राज्य पुलिस को अगले दो सप्ताह के भीतर मामले से संबंधित सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का भी निर्देश दिया था।
आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा कि यह राज्य पुलिस की क्षमता से परे है कि वह उन लोगों को ढूंढे जो झड़पों के लिए जिम्मेदार थे या जिन्होंने इसे उकसाया, और इसलिए एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच आवश्यक थी। इससे पहले, खंडपीठ ने अशांत क्षेत्रों में घरों की छतों से पथराव करने के संबंध में राज्य पुलिस की खुफिया शाखा की दक्षता पर सवाल उठाया था। खंडपीठ ने छतों पर पत्थरों के जमा होने की सूचना प्राप्त करने में खुफिया तंत्र की विफलता पर सवाल उठाया।
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