कश्मीर। एक बड़ी खबर कश्मीर से है, यहां आज सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कई जगहों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी पुंछ, जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और बांदीपोरा जिलों में हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक NIA की टीम ये छापेमारी घाटी में बढ़ रहे टेरर फंडिंग मामले में की है। ऐसी खबर हैं कि घाटी की शांति व्यवस्था को भंग करने और देश में कई जगहों पर आतंकी माहौल पैदा करने के लिए दूसरे देश से आतंकी पैसे ला रहे हैं, सुरक्षा एजेंसियां लगातार आतंकी के नापाक मंसूबों पर पानी फेर रही हैं, ये छापेमारी उसी का ट्रेलर है। जांच एजेंसी आपको बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी , भारत सरकार की ओर गठित की गई एक जांच एजेंसी है,
जिसे आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाया गया है। इसलिए ये एजेंसी Anti-Terrorism Law Enforcement के रूप में देश में काम करती है। इस एजेंसी का गठन साल 2008 में हुआ आपको बता दें कि इस एजेंसी का गठन साल 2008 में मुंबई आंतकी हमलों के बाद किया गया था। इसके संस्थापक महानिदेशक राधा विनोद राजू थे।
क्या है NIA और CBI में अंतर ये एजेंसी आतंकवादी घटनाओं और टेरर फंडिग जैसे मामलों पर नजर रखती है तो वहीं CBI भ्रष्टाचार और गंभीर अपराधों की जांच करती है। टेरर फंडिंग क्या है? किसी भी देश में आतंकी गठबंधन को मजबूत करने के लिए पैसों की जरूरत होती है, जैसे कि हथियार खरीदने, रहने-खाने के लिए और ट्रैवल करने के लिए, ऐसे में आतंकियों के पास पैसे कहां से आते हैं?
तो इसका जवाब है कि इसके लिए कुछ अपराधिक तंत्र अलग-अलग तरह से पैसों को जुगाड़ करते हैं, जैसे हवाला कारोबारियों से लेन-देन, इसमें विदेश के कई तंत्र भी शामिल होते हैं। जो कि फर्जी अकाउंट के जरिए अक्सर पैसों का लेनदेन करते हैं। इन पैसों का उपयोग नापाक कामों में किया जाता है। ये ही टेरर फंडिंग कहलाता है।