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NIA की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, आतंकवादी संगठन नशीले पदार्थों की तस्करी से भारत में करता है टेरर फंडिंग

HARRY
8 Dec 2020 2:22 AM GMT
NIA की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, आतंकवादी संगठन नशीले पदार्थों की तस्करी से भारत में करता है टेरर फंडिंग
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फाइल फोटो 

खालिस्तानी आतंकवादी संगठन भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी से अर्जित किए गए पैसे को टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं

खालिस्तानी आतंकवादी संगठन भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी से अर्जित किए गए पैसे को टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने नारको टेरर फंडिंग के एक मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है. इस चार्जशीट में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन 'खालिस्तान लिबरेशन फोर्स' (KLF), पाकिस्तान के ड्रग माफियाओं, दुबई के एक हवाला कारोबारी और आईएसआई के खतरनाक नेटवर्क का खुलासा हुआ है जो पंजाब में फिर से आतंकवाद के जिन्न को जिंदा करने की कोशिश में जुटा है.

यह खुलासा शुक्रवार को मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंधित नारको टेरर केस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया गया है. एनआईए ने यह चार्जशीट खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के 'नारको टेररिस्ट' धर्मिन्दर सिंह उर्फ धन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और NDPS एक्ट की धारा 25 ,27 ,27-A और 29 के तहत दर्ज मामले में दाखिल की है.
NIA की जांच में खुलासा
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान से संचालित KLF के आतंकवादी जसवीर सिंह सामरा के जरिए पंजाब में हेरोइन तस्करी कर रहे थे. सामरा KLF के एक अन्य आतंकवादी धर्मिन्दर सिंह उर्फ धन्ना के जरिये हेरोइन, स्थानीय तस्करों को बेचता था. हेरोइन बेचकर इकट्ठा किया गया पैसा सामरा के खाते में जमा होता था.
सामरा, हवाला के जरिये पैसे को KLF तक पहुंचाने का काम करता था जिसे बाद में टेरर फंडिंग के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा था. एनआईए ने इस नारको -टेरर मामले की पहली चार्जशीट 29 मई 2020 को दाखिल की थी. इसमें जसवीर सिंह सामरा सहित कुल नौ तस्करों और आतंकवादियों को आरोपी बनाया गया था. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और यूएपीए की धारा 13, 17, 18 और 40 तथा एनडीपीएस की धारा 21, 25, 27 ए और 29 के तहत मामला दर्ज है.
इन सभी आतंकवादियों और तस्करों को अमृतसर के तरसिक्का पुलिस स्टेशन में 31 मई 2020 को दर्ज की गई एफआईआर संख्या 75 के तहत गिरफ्तार किया गया था. 31 मई 2020 को गिरफ्तार सामरा और दूसरे आतंकवादियों के कब्जे से 500 ग्राम हेरोइन और 1,20,000 की नकदी भी बरामद की गई थी.
इस नार्को -टेरर फंडिंग मामले में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स प्रमुख हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी और दुबई के अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्कर और हवाला कारोबारी जसमीत सिंह हकीमज़ादा के नाम उजागर हुए हैं. हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी की इसी साल जनवरी में मौत हो चुकी है.
ड्रोन से होती है नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी
केएलएफ के दर्जनभर आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बावजूद भी इस आतंकवादी संगठन की भारत विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. हाल ही में भारतीय सीमा पर देखे गए पाकिस्तान के कई ड्रोन इस बात के सबूत हैं कि KLF भारत में लगातार नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों की खेप पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की खेप न केवल पंजाब बल्कि जम्मू कश्मीर के लिए भी भेजी जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक दिसंबर के पहले हफ्ते में ही अमृतसर से सटी भारत पाक सरहद पर, पांच बार पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय सीमा में घुसते देखा गया है.
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आतंकवादियों और तस्करों के गिरोह ने अमृतसर के रामदास और गग्गोमहल क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की खेप पहुंचाई है. एक दिसंबर को कोट रजादा क्षेत्र में भी पाकिस्तानी ड्रोन घुसने की खबर आई थी. हथियारों और नशे की खेप का पता लगाने के लिए पंजाब पुलिस और बीएसएफ इन इलाकों में सघन सर्च अभियान चला रही है.
इससे पहले सितंबर माह में तरनतारन में भी ड्रोन का इस्तेमाल करके हथियार भारतीय सीमा में पहुंचाए गए थे. इन हथियारों को पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के आठ ड्रोन भारतीय सीमा में घुसे थे. हालांकि इस मामले में KLF के बजाय खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का नाम सामने आया था.
बीएसएफ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सर्दियों में जब भारत पाक सीमा पर धुंध छाने लगती है तो आतंकवादी और तस्कर इसका फायदा उठाकर भारतीय सीमा में नशीले पदार्थ और अवैध हथियार पहुंचाने की कोशिश करते हैं.
जानिए कैसे नार्को टेरर फंडिंग का नेटवर्क चला रहा है केएलएफ
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की कठपुतली है और उसी के इशारे पर भारत में अवैध हथियारों, नशीले पदार्थों, और नकली करेंसी के अलावा पंजाब के युवकों को बरगला कर आतंकवाद की ओर प्रेरित करना उसके धंधे में शामिल है.
केएलएफ, आईएसआई के इशारे पर ही अवैध गतिविधियों के जरिए भारतीय तस्करों और अपने स्लीपर सेल्स के जरिए पैसा इकट्ठा करता है, जिसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया जाता है. पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करने की कई कोशिशें कर चुके खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 1 अक्टूबर 2018 को प्रतिबंधित कर दिया था.
यह प्रतिबंध NIA के प्रस्ताव के बाद लगाया गया था. एनआईए ने पंजाब में हिंदू नेताओं पर हुए कातिलाना हमले के संबंध में एनआईए की विशेष अदालत में प्रस्तुत की गई अपनी चार्जशीट में कहा था कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को दो खालिस्तानी आतंकवादी संचालित कर रहे हैं. इनमें से एक गुरुचरणवीर सिंह ब्रिटेन में रहता है जबकि दूसरा हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी पाकिस्तान में रहा था.
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक इन आतंकवादियों ने KLF के नाम पर ऑस्ट्रेलिया ,इटली,पाकिस्तान ,यूएई और ब्रिटेन से टेरर फंडिंग हासिल की है और यह संगठन भारत के लिए खतरा बन चुका है. खालिस्तान लिबरेशन फोर्स कई हिंदू नेताओं को निशाना बना चुका है. एनआईए की जांच में सामने आया कि KLF के आतंकवादी फरवरी 2016 से अक्टूबर 2017 तक 8 हिंदू और दूसरे समुदायों के नेताओं को अपना निशाना बना चुके थे.
हिंदू और दूसरे धर्मों के नेताओं को निशाना बनाने का मकसद सिर्फ सांप्रदायिक सद्भाव को तहस-नहस करना था और यह सब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर किया गया था. 2018 में एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल की गई चार्ज शीट में कहा गया था कि पंजाब में हिंदू और दूसरे समुदायों पर हुए ज्यादातर हमलों में अप्रवासी भारतीय जगतार सिंह जोहल उर्फ जग्गी का हाथ था जो इस समय जेल में बंद है.
जग्गी ने रमनदीप सिंह और हरदीप सिंह नाम के शार्प शूटरों की मदद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता रविंद्र गोसाई की हत्या भी करवाई थी. रमनदीप सिंह लुधियाना और हरदीप सिंह इटली का रहने वाला है. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा था " केएलएफ पंजाब में अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं की हत्या करवा कर बहुसंख्यक समुदाय का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहा है."
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स पर कब्जा करने की होड़
जनवरी 2020 में पाकिस्तान के लाहौर में रह रहे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के तथाकथित प्रमुख हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की संदिग्ध मौत के बाद अब इस आतंकवादी संगठन पर काबिज होने के लिए कई खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है. जिन खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच केएलएफ का प्रमुख बनने की होड़ लगी है उसमें मौजूदा समय में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां चला रहा अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह रोडे, स्विट्जरलैंड में रह रहा पप्पू सिंह, इटली निवासी गुरजिंदर सिंह शास्त्री, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रवक्ता धन्ना सिंह, गुरुचरणवीर सिंह वाहीवाला और ब्रिटेन निवासी परमजीत सिंह पंजवर के नाम खास हैं.
उधर नारको टेरर फंडिंग में शामिल पंजाब के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किए गए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादियों और नशा तस्करों से पूछताछ का सिलसिला जारी है. हाल ही में अमृतसर में सामने आई लाखों रुपए का हवाला ट्रांजैक्शन और नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों की बरामदगी की कड़ियां जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है.
साफ है पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ मिलकर पंजाब मैं आतंकवाद को जीवित करने की कोशिश कर रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कई बार इस ओर इशारा कर चुके हैं.
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