NIA कोर्ट अलकायदा से जुड़े 3 आतंकियों को सुनाई सजा, मैसूर कोर्ट ब्लास्ट मामले में हुआ फैसला
बेंगलुरु में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने मैसूर कोर्ट ब्लास्ट मामले में सोमवार को अलकायदा से जुड़े तीन आतंकियों को सजा सुनाई. पिछले शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने नैनार अब्बास अली, सैमसन करीम राजा और सुलेमान को दोषी ठहराया था. 1 अगस्त 2016 को मैसूर के चामराजपुरम कोर्ट परिसर में एक सार्वजनिक शौचालय में बम ब्लास्ट हुआ था.
NIA द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, नैनार अब्बास अली को 7 साल कठोर कारावास और 3 साल सामान्य जेल (कुल 10 साल) की सजा सुनाई गई है. साथ ही उस पर 43,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा-120(बी), 465 r/w 120(बी), 471 r/w 120(बी), गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराओं 16(1)(बी), 18(बी), 18, 20 और 23, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-3, 4 और 5 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान (रोकथाम) कानून की धारा-4 के तहत सजा सुनाई गई है.
वहीं सैमसन करीम राजा को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई है और उसे 25,000 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा. उसे IPC की धारा-120(बी), UAPA) की धारा 16(1)(बी), 18, 20 और 23, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-4 (बी) और 5, और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान (रोकथाम) कानून की धारा-4 के तहत सजा सुनाई गई है.
2017 में NIA ने चार्जशीट दाखिल की थी
तीसरे दोषी सुलेमान को 7 साल कठोर कारावास और 3 साल सामान्य जेल (कुल 10 साल) की सजा सुनाई गई है. उसे 38,000 रुपए जुर्माना भरना होगा. सुलेमान को IPC की धारा-120(बी), 465 r/w 120(बी), 471 r/w 120(बी), UAPA की धाराओं 16(1)(बी), 18, 20 और 23, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-3, 4 और 5 और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान (रोकथाम) कानून की धारा-4 के तहत सजा सुनाई गई है.
सभी दोषी तमिलनाडु के मदुरै के रहने वाले हैं. कोर्ट परिसर में ब्लास्ट के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. लेकिन बाद में गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने मामले को अपने हाथ में लेकर फिर से केस दर्ज किया था. एनआई के मुताबिक, ये बम ब्लास्ट अलकायदा बेस मूवमेट के सदस्यों द्वारा किए गए 5 धमाकों की सीरीज का हिस्सा था. एनआईए ने जांच के बाद मई 2017 में इन तीनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.