हाई प्रोफाइल एंटीलिया केस में NIA ने अपनी जांच पूरी कर ली है. एंटीलिया के नज़दीक विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले की जांच कर रही NIA, अगले सप्ताह मुंबई के स्पेशल एनआईए कोर्ट में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. इस चार्जशीट में हो रही देरी के चलते कुछ दिन पहले स्पेशल कोर्ट ने NIA को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिन का समय दिया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NIA ने चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी अब पूरी कर ली है. जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
आजतक को सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि इस चार्जशीट में NIA ने सचिन वाजे को आरोपी नंबर एक बनाया है क्योंकि उसने पूरी घटना का षड्यंत्र रचा और मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप भी उसपर है. NIA को आरोपियों की पूछताछ में कई चौंकाने वाले राज पता चले हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1. सचिन हिंदू राव बाजे, 2.नरेश रमनीक लाल, 3. विनायक शिंदे 4.रियाजउद्दीन काजी 5. सुनील धर्मा 6.संतोष शेलार 7.आनंद पांडुरंग जाधव 8.सतीश तिरुपति 9. मनीष वसंत भाई सोनी और 10.प्रदीप शर्मा इस चार्जशीट में नामित किए जा सकते हैं. बता दें कि हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने मुम्बई की विशेष अदालत में बड़ा दावा किया था कि हाई प्रोफाइल केस होने के नाते इस केस से जुड़े कई गवाहों को धमकाया भी जा रहा है. यह खुलासा एनआईए ने कोर्ट में उस वक्त किया था जब इसी महीने की शुरुआत में एनआईए ने एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन हत्याकांड केस में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था.
इसी दौरान NIA ने स्पेशल कोर्ट को यह जानकारी भी दी थी कि मनसुख हिरेन की हत्या के लिए आरोपियों द्वारा 45 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी. मनसुख की हत्या के आरोपियों को लगता था कि उनके एंटीलिया कांड प्रकरण में मनसुख हिरेन सबसे कमजोर कड़ी है. इसलिए उसको पुलिसिया जांच की स्टाइल में कोई सबूत न छोड़ते हुए हत्या कर दी गई.
150 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NIA ने इस मामले में अब तक 150 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किया है. ये बयान क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किए गए हैं. साथ ही जांच के क्रम में इस प्रकरण में 60 से ज्यादा पंचनामा भी किया गया है. NIA को इस केस को सुलझाने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी क्योकि आरोपी और उसके मास्टरमाइंड पुलिस महकमे से जुड़े हुए थे इसलिए उन्हें इस बात का पता था कि कैसे जांच को भटकाया जाए इसलिए आरोपियों ने अपने फोन का इस्तेमाल काफ़ी कम या कहें तो न के बराबर किया.
गौरतलब है कि मनसुख हिरेन मुंबई से सटे ठाणे जिले में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स का बिजनेज चलाते थे और ठाणे के डॉ आंबेडकर रोड पर स्थित विकास पाम्स नाम की सोसायटी में रहते थे. मनसुख उस समय चर्चा में आए थे,जब एंटीलिया के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ एसयूवी कार मिली थी, जो मनसुख की थी. इस घटना के बाद से मनसुख से मुंबई पुलिस ने कई बार घंटों तक पूछताछ की थी.
हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी. इस मामले में उस समय नया मोड़ आया जब 5 मार्च को हिरेन का शव ठाणे में कलवा क्रीक में मिला. हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाजे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी. इन तमाम घटनाक्रमों के बीच NIA को केस सौंपा गया था और अब NIA ने अपनी जांच पूरी कर इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है