भारत

NGT ने लिया फैसला: 'धामपुर चीनी मिल' पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन मामले में कार्रवाई

Kunti Dhruw
6 Sep 2021 5:44 PM GMT
NGT ने लिया फैसला: धामपुर चीनी मिल पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन मामले में कार्रवाई
x
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश में धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड की चार यूनिटों पर पर्यावरण कानूनों के लगातार उल्लंघन पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश में धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड की चार यूनिटों पर पर्यावरण कानूनों के लगातार उल्लंघन पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा पेश विभिन्न निरीक्षण रिपोर्टों से यह साफ पता चलता है कि कंपनी की वजह से काफी समय से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।

एनजीटी ने यूपी के संभल जिले में स्थित धामपुर चीनी मिल, बिजनौर में स्थित धामपुर डिस्टलरी यूनिट और धामपुर चीनी मिल तथा बरेली जिले के मीरगंज स्थित धामपुर चीनी मिल पर नियमों के उल्लंघन पर 5-5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। एनजीटी ने आदेश दिया है कि एक सितंबर 2021 से 30 दिन में जुर्माने की रकम का भुगतान करना है।
एनजीटी ने कहा कि एक चीज बिल्कुल साफ तौर पर उभर कर सामने आई है कि चारों यूनिट लगातार पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रही थी और कंपनी ने पर्यावरण पर प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के प्रति उदासीन रवैया और निराशाजनक व्यवहार दिखाया। वास्तव में इन यूनिटों ने अन्य लोगों और स्थानीय निवासियों को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में रहने के उनके अधिकार से वंचित किया।
एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और विकास गतिविधियों के बीच एक उचित संतुलन होना चाहिए जोकि प्रगति के लिए आवश्यक है। इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता है कि समाज को समृद्ध होना चाहिए, लेकिन यह पर्यावरण की कीमत पर नहीं। एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण होना चाहिए लेकिन समाज के विकास की कीमत पर नहीं। पर्यावरण और विकास दोनों साथ-साथ रहेंगे और साथ मिलकर बढ़ेंगे।
एनजीटी ने पर्यावरण को हुए नुकसान के विस्तृत अध्ययन के लिए एक समिति का भी गठन किया। इसमें सीपीसीबी के सदस्य, यूपीपीसीबी का एक सदस्य और संबंधित जिलों के जिलाधिकारी शामिल होंगे। समिति यूनिटों यूनिटों द्वारा उत्पन्न प्रदूषण से प्रभावित किसानों और स्थानीय निवासियों से बात करेगी। उसने कानूनी लागत के 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। यह राशि धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड एक महीने के अंदर सीपीसीबी को देगी। इस राशि का इस्तेमाल पर्यावरण के संरक्षण और सुरक्षा में होगा। एनजीटी आदिल अंसारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अंसारी ने धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड की यूनिटों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की थी।
Next Story