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सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मामले में 11 जुलाई को अगली सुनवाई, डिप्टी स्पीकर को नोटिस
jantaserishta.com
27 Jun 2022 9:39 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगभग सभी पक्षों को नोटिस दे दिया है. इस नोटिस का जवाब सभी पक्षों को पांच दिनों के अंदर देना है. फिर मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. जिन पक्षों को नोटिस दिया गया है उसमें डिप्टी स्पीकर, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस आदि शामिल हैं.
सिंघवी की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो वो किसी सदस्य की अयोग्यता की कार्रवाई शुरू कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अपने खिलाफ आए प्रस्ताव में डिप्टी स्पीकर (नरहरि ज़िरवाल) खुद कैसे जज बन गए? कोर्ट ने पूछा कि शिंदे गुट ने मेल के जरिये डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसपर विधायकों के साइन थे. इसपर डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि हां नोटिस आया था. लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. डिप्टी स्पीकर के वकील राजीन धवन ने कहा कि ई-मेल वैरिफाइड नहीं था, इसलिए उसे खारिज कर दिया गया था.
इसपर कोर्ट ने सख्ती से कहा कि डिप्टी स्पीकर और विधान सभा दफ्तर को एक एफिडेविट दाखिल करना होगा. बताना होगा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था कि नहीं. और आया था तो उसे क्यों रिजेक्ट किया गया.
-कोर्ट में सिंघवी ने कहा कि 1992 Kihito hollohan केस में भी साफ कहा गया था कि जबतक स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तबतक कोर्ट में कोई एक्शन नहीं होना चाहिए.
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या 1992 के केस में भी स्पीकर की पोजिशन पर सवाल खड़े हुए थे.
इसपर सिंघवी ने कहा कि रेबिया केस बताता है कि चाहे स्पीकर गलत फैसला ले, लेकिन उसके फैसले के बाद ही कोर्ट दखल दे सकता है.
मैंने कल कहा था कि जितने भी लोग गुवाहाटी में हैं उनकी आत्मा मर गई है और जिनकी आत्मा मर जाती है उनका सिर्फ शरीर रह जाता है, उसका कोई फायदा नहीं होता है। ऐसे शरीर का यहां आने से क्या होगा, उनका तो सिर्फ पोस्टमार्टम होता है। लोग उनके विचारों का पोस्टमार्टम करते हैं: संजय राउत pic.twitter.com/CQ9FCPgwsY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 27, 2022
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