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जेलों में कैदियों के बीच नोकझोंक और मारपीट की खबरें लगातार सामने आती हैं लेकिन।
आरा: आमतौर पर जेलों में कैदियों के बीच नोकझोंक और मारपीट की खबरें लगातार सामने आती हैं लेकिन इस बार बिहार के आरा में जो हुआ वो जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. मामला आरा के मंडल कारागार के अंदर बने अस्पताल में कार्यरत एक कंपाउंडर, जेलर और एक जमादार से जुड़ा हुआ है.
पीड़ित कंपाउंडर ने जेलर पर दुर्व्यवहार और मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है. इतना ही नहीं पीड़ित कंपाउंडर ने अपने साथ हुई ज्यादती को लेकर जेल महानिदेशक को एक चिट्ठी भी लिखी है जिसमें उसने जेल में तैनात जमादार और जेलर पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है.
चिट्ठी में पीड़ित ने 18 मई की रात को जेलर आवास पर बुलाकर भद्दी गालियां देते हुए मारपीट और जानलेवा हमले का आरोप लगाया. पीड़ित कंपाउंडर ने अपनी शिकायत में आगे लिखा है कि देर रात करीब 10:30 बजे जेलर के आवास पर बुलाया गया जहां जेल में तैनात जमादार भैरव ठाकुर ने उससे बाहर जाकर ब्रांडेड दवाएं जेल के खर्च पर लाने की मांग की.
चिट्ठी के मुताबिक पीड़ित कंपाउंडर ने जब इससे मना किया तो जमादार ने मारपीट शुरू कर दी. कंपाउंडर के मुताबिक मौके पर मौजूद जेलर ने भी आरोपी जमादार को उसके साथ बदसलूकी और मारपीट करने में सहयोग किया.
बकौल कंपाउंडर जमादार भैरव ठाकुर ने उसे मारने के लिए ईंट उठा लिया और उसके सिर पर मारने की कोशिश भी की लेकिन तब तक शोर सुनकर उसकी पत्नी मौके पर पहुंच गई और उसे बचाते हुए वापस ले गई.
पीड़ित कंपाउंडर ने अपने पत्र में लिखा है कि आरोपी जमादार उसे परिवार सहित जान से मारने की धमकी दे रहा है जिससे वो जेल के भीतर काम करने में असमर्थ है.
वहीं अति संवेदनशील माने जाने वाले आरा मंडल कारागार में इस तरह की घटना को लेकर जब जेलर से सवाल पूछ गया तो उन्होंने इसे छोटी सी नोकझोंक करार देते हुए मामले के सुलझ जाने का दावा किया.
jantaserishta.com
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