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कीचड़ में फेंकी हुई मिली नवजात बच्ची, अस्पताल में इलाज शुरु

jantaserishta.com
16 April 2022 3:54 PM GMT
कीचड़ में फेंकी हुई मिली नवजात बच्ची, अस्पताल में इलाज शुरु
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चूरू: तहसील में मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है. तहसील के मितासर गांव में बुधवार रात को कीचड़ में फेंकी हुई एक बच्ची मिलने की सूचना मिली थी. राजकीय अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रभान जांगिड़ ने गले लगाया है. जी हां गांव के लोग जब इस नवजात बच्ची को किचड़ और खून से लथपथ हालात में लेकर राजकीय अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल के कर्मचारियों ने इसकी सूचना शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जांगिड़ को दी. डॉ. ने इस बच्ची की देखभाल का जिम्मा लेते हुए उसे अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कर उसका इलाज शुरु कर दिया. मामले की जानकारी डॉ. चंद्रभान जांगिड़ ने गुरुवार दोपहर को बताया कि, बच्ची को अस्पताल लाया गया था, तब बच्ची की नाभि से खून बह रहा था. अस्पताल लाने से लगभग 2 घंटे पहले ही इस बच्ची का जन्म हुआ था. जिस बच्चे को मां की ममता ने ठुकरा दिया उस बच्ची का राजकीय अस्पताल के डॉक्टर चंद्रभान और एएनएम देखभाल कर रहे हैं. डॉ चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि बच्ची के खून की जांच करवाई गई है, जांच में खून की कमी पाई गई है. बच्ची की हालत अब खतरे से बाहर है और उसे बोतल की सहायता से फार्मूला दूध पिलाया जा रहा है.

डॉ. चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि उच्च अधिकारियों को इस मामले में अवगत करवा दिया गया है और बच्ची को नारी निकेतन भिजवाया जाएगा. वहीं, गांव के ही ओमप्रकाश सारण ने इस मामले की थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट में बताया कि, मितासर गांव के नथूराम की दुकान के पास कीचड़ से बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. मोबाइल की टॉर्च जला कर देखा तो कीचड़ में खून से लथपथ मासूम पड़ी थी. जिसको तुरंत राजकीय अस्पताल लेकर गए. पुलिस ने मामले की गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी हुई है. मितासर निवासी ओमप्रकाश सारण की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज हो चुका है.
बच्ची के कीचड़ में मिलने की सूचना पर सामाजिक कार्यकर्ता सपना लूणिया और मोनिका सैनी भी राजकीय अस्पताल पहुंची और बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. सामाजिक कार्यकर्ता सपना लूणिया ने बताया कि, समाज में इस तरह का कृत्य करना समाज के लिए शर्मनाक है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि, इस तरह से बेटी को कीचड़ में मत फेंके. ऐसी बेटियों का पालन पोषण करने के लिए हम सदैव तैयार हैं. सामाजिक कार्यकर्ता मोनिका सैनी ने कहा कि, हम प्रशासन से बात करके इस बच्ची के लिए हर संभव मदद करने का प्रयास करेंगे. इस प्रकार की घटना वापस ना हो इसके लिए सभी से अपील करते हैं कि, बेटी को इस तरह से ना फेंके हम ऐसी बेटियों का पालन पोषण करने के लिए सदैव तैयार है. फिलहाल डॉ. चंद्रभान जांगिड़ और उनकी टीम राजकीय अस्पताल में इस बच्ची का खयाल रखे हुए हैं. लेकिन आज के समय में सोचने वाली बात यह है कि जहां एक और बेटियों को पढ़ाने और उन्हें अच्छी शिक्षा देने की बड़ी-बड़ी बातें हमारा यही शिक्षित समाज करता है. वहीं, इसी समाज से यह तस्वीर शर्मसार कर देने वाली है. इस तरह से इस नवजात बच्ची को कीचड़ में फेंका जाना मां की ममता को ही शर्मसार नहीं करता बल्कि इस शिक्षित समाज पर भी एक काला धब्बा है. वहीं घटना के बाद मितासर गांव में यह मामला चर्चा में बना हुआ है और हर कोई इस बच्ची के परिवार का पता लगाने में जुटा हुआ है. जिस किसीने भी इस घटना के बारे में सुना वह स्तब्ध रह गया.
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