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चमगादड़ों में हुई नए वायरस की पुष्टि, वैज्ञानिक ने इंसान में फैलने की आशंका जताई

Nilmani Pal
26 Nov 2022 6:20 AM GMT
चमगादड़ों में हुई नए वायरस की पुष्टि, वैज्ञानिक ने इंसान में फैलने की आशंका जताई
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सोर्स न्यूज़   - आज तक      

कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से मानी जाती है. इस महामारी ने दुनिया भर में तबाही मचाई थी जिस कारण लाखों लोगों की मौत भी हुई. दुनिया के कुछ देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो कुछ देशों में बढ़ रहे हैं. इस बीच वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दक्षिणी चीन में चमगादड़ों में कोरोना जैसा वायरस पाया गया है जो पांच में से एक इंसान में फैलने की क्षमता रखता है. इस वायरस को बीटीएसबाई2 (BtSY2) के नाम से जाना जाता है और यह SARS-CoV-2 से संबंधित है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों में मिले उन पांच खतरनाक वाले वायरसों में एक है जो मनुष्यों और पशुओं में कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकता है. इसके अलावा वैज्ञानिकों की टीम ने कई संभावित नए पशुजन्यरोग (Zoonotic diseases) के बारे में भी जानकारी दी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं.

डेलीमेल के मुताबिक, इस रिसर्च को शेन्जेन स्थित सन यात-सेन यूनिवर्सिटी, युन्नान इंस्टीट्यूट ऑफ एंडेमिक डिजीज कंट्रोल और सिडनी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने लीड किया था. इस रिसर्च की अभी समीक्षा होना बाकी है. टीम ने बताया, "हमने पांच वायरस प्रजातियों की पहचान की है जो मनुष्यों और पशुओं के लिए रोगजनक हो सकती हैं. इसमें एक रिकॉम्बिनेशन सार्स जो कोरोनवायरस जैसा है, वह भी शामिल है. यह नया वायरस SARS-CoV-2 और 50 SARS-CoV दोनों से निकटता से संबंध रखता है."

वैज्ञानिकों ने आगे कहा, "हमारी रिसर्च चमगादड़ वायरस के एक-प्रजाति से दूसरी प्रजाती में संचरण (Inter-species transmission) और को-इंफेक्शन की समान्य घटना के साथ-साथ वायरस के विकास के लिए उसके प्रभावों पर प्रकाश डालती है. रिसर्चर्स ने चीन के युन्नान प्रांत के छह काउंटी या शहरों में 15 प्रजातियों की चमगादड़ों में से 149 की यूरिन का सेंपल लिया. चमगादड़ों की जीवित कोशिकाओं में मौजूद न्यूक्लिक एसिड जिसे आरएनए कहा जाता है, उसे हर चमगादड़ से इंडिविजुअल निकाला गया और उसे अनुक्रमित किया गया. रिसर्चर्स ने पाया कि एक चमगादड़ को एक ही समय में कई वायरस द्वारा संक्रमित किया गया था."

नॉटिंघम विश्वविद्यालय के वीरोलॉजिस्ट प्रोफेसर जोनाथन बॉल (Professor Jonathan Ball) के अनुसार, "इस वजह से पहले से मौजूद कोरोना वायरस के रूप अपने जेनेटिक कोड में बदलाव कर सकते हैं जिससे नए पैथोजन यानी वायरस का जन्म हो सकता है. लोगों के लिए संदेश ये है कि चमगादड़ कई वायरसों के लिए होस्ट का काम करते हैं. वो एक ही समय पर एक साथ कई वायरसों को अपने अंदर रख सकते हैं और फिर बड़े पैमाने पर फैला सकते हैं.''

BtSY2 में एक 'रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन' भी है जो स्पाइक प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसका उपयोग कोशिकाओं को मानव कोशिकाओं से जोड़ने के लिए किया जाता है. यह SARS-CoV-2 के ही समान है और यह इंसानी शरीर से जुड़कर मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है."


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