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राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर नया ट्विस्ट, जानिए क्या कहना है नाराज विधायकों का?

Nilmani Pal
26 Sep 2022 1:06 AM GMT
राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर नया ट्विस्ट, जानिए क्या कहना है नाराज विधायकों का?
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सोर्स न्यूज़  - आज तक  

राजस्थान। नया अध्यक्ष खोज रही कांग्रेस के लिए राजस्थान का सीएम खोजना मुश्किल हो गया है. सूबे में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए इस वक्त जबरदस्त खींचतान चल रही है. इस बीच गहलोत समर्थक 82 विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. ये विधायक कुछ देर पहले कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के घर जमा हुए. यहां पर इन विधायकों से इस्तीफा लेकर स्पीकर सीपी जोशी को सौंपा दिया गया.

रविवार को राजस्थान का घटनाक्रम बेहद रोचक रहा. शाम 7 बजे तय की गई कांग्रेस विधायकों की बैठक रद्द हो गई. गहलोत समर्थक 82 विधायक कांग्रेस एमएलए शांति धारीवाल के घर जमा हुए और इस्तीफे का पूरा घटनाक्रम चला. इधर, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने 92 विधायकों के इस्तीफा देने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि हमारी (विधायकों की) मीटिंग हो चुकी है. सभी का कहना है कि नए सीएम के चयन में उनकी राय नहीं ली गई. इससे वे बेहद नाराज हैं. सूत्रों के मुताबिक इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को फोन किया और स्थिति संभालने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि अब उनके बस में कुछ नहीं है.

- राजस्थान के मंत्री महेश जोशी ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हर विधायक को भरोसा है. हमने अपनी बात रखी है और उम्मीद है कि आलाकमान अंतिम निर्णय लेते समय हमारी मांगों पर विचार करेगा. हम चाहते हैं कि पार्टी उन लोगों का ख्याल रखे जो कांग्रेस के लिए वफादार रहे हैं.

- सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस्तीफा दिए नाराज विधायक ने नेतृत्व के सामने तीन शर्तें रखी हैं. 1- अशोक गहलोत अध्यक्ष चुनाव के बाद CM पद से इस्तीफा देंगे. 2- जो भी मुख्यमंत्री बनेगा वो उन 102 विधायकों में से हो जिन्होंने 2020 में सचिन पायलट की बगावत के दौरान सरकार गिरने से बचाने का काम किया था. 3- मुख्यमंत्री आशोक गहलोत की राय पर बनाई जाए . सूत्रों ने बताया कि नाराज विधायकों ने अब गेंद नेतृत्व के पाले ने फेंक दी है. उनका कहना है कि जब तक इस बात पर सहमति नहीं होगी तबतक कोई विधायक बैठक में शामिल नहीं होगा.

- नए मुख्यमंत्री को लेकर गहलोत गुट के विधायकों के साथ बात नहीं बन पाई है. सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आवास से निकल कर अपने घर चले गए हैं.

- विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास से बाहर निकलने के बाद विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनने दें, उसके बाद आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह स्वीकार्य होगा.

- विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास से सभी विधायक अपने घरों के लिए रवाना हो चुके हैं.

- कांग्रेस नेता प्रताप सिंह, शांति धारीवाल वापस चले गए हैं. वहीं प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी विधायकों से मुलाकात की.

- पर्यवेक्षकों से मिलने गए विधायकों ने तीन सूत्रीय एजेंडा रखा है. पहली मांग है कि उन 102 विधायकों में से सीएम चेहरा चुना जाए, जो जून 2020 में कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादार थे, जब सरकार गिराने की कोशिश की गई थी. दूसरी मांग है कि सीएम उम्मीदवार की घोषणा 18 अक्टूबर के बाद ही होनी चाहिए. तीसरी मांग ये है कि सीएम के लिए अशोक गहलोत की पसंद पूछी जाए.

- राजस्थान की मीटिंग के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए अजय माकन ने कहा है कि फिलहाल हम (वे और मल्लिकार्जुन खड़गे) दिल्ली नहीं जा रहे हैं, हमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान कांग्रेस के विधायकों के साथ आमने-सामने बातचीत करने का निर्देश दिया है. हम आज रात उनसे मिलेंगे.

- शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास स्पीकर के आवास से रवाना हो चुके हैं. ये सभी सीएम अशोक गहलोत के आवास के लिए रवाना हो चुके हैं. कुछ वरिष्ठ नेता पहले ही सीएम आवास पहुंच गए हैं.

- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने फोन पर बात की.

- राजस्थान के घमासान के बीच आलाकमान एक्शन में आ गया है. सोनिया गांधी की तरफ से पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे को संदेश दिया गया है कि चाहे सारी रात बैठना पड़े, लेकिन मसला आज ही सुलझा लें. कांग्रेस नेतृत्व का संदेश है कि खड़गे और माकन एक-एक विधायक से बात करें. एक लाइन में प्रस्ताव पेश करें.

- सूत्रों के मुताबिक अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, सचिन पायलट और रघु शर्मा सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात करने सीएम हाउस पहुंचे हैं.

- इस्तीफा देने वाले 82 विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है.

- प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि 10-15 विधायकों (पायलट समर्थकों) की सुनवाई हो रही है, जबकि अन्य विधायकों (गहलोत समर्थकों) की उपेक्षा हो रही है.

- केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा है कि बाड़ेबंदी की सरकार, एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार है.

- सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को फोन कर स्थिति को संभालने को कहा है. लेकिन गहलोत ने कहा कि मेरे बस में कुछ नहीं है.

- राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि राजस्थान के संबंध में गठजोड़ को निभाने में ना हमने कोई कसर छोड़ी है और ना ही आज उसमें कोई परिवर्तन होगा. अगर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव बाद कोई नया समीकरण बनता है तो राज्य में मुख्यमंत्री पद का फैसला भी कांग्रेस को लेना होगा.

- राजस्थान कांग्रेस में उठापटक के बीच आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा का बयान- कांग्रेस खत्म है, केजरीवाल विकल्प है.

- गहलोत समर्थक विधायक बस में बैठकर स्पीकर सीपी जोशी के घर जा रहे हैं. यहां विधायक अपना सामूहिक इस्तीफा स्पीकर को सौंपेंगे.

- गहलोत खेमे के विधायकों का कहना है कि बैठक अब नहीं होगी. उनकी मुलाकात हो चुकी है. 82 विधायकों ने इस्तीफा धारीवाल के आवास पर दिया है. इसे स्पीकर को सौंपा जाएगा. बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के 107 विधायक हैं.

- गहलोत गुट के विधायकों ने राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के सामने भी नाराजगी जताई, उन्होंने कहा कि आलाकमान हमारी बात नहीं सुनेगा तो हम सामूहिक इस्तीफा दे देंगे.

- विधायक शांति धारीवाल के घर से एक बस विधायकों को लेकर निकली है. धारीवाल के आवास पर इस्तीफा सौंपकर विधायक सीपी जोशी के घर की तरफ जा रहे हैं.

- प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. हम इसके लिए पार्टी अध्यक्ष के पास जा रहे हैं. विधायक इस बात से खफा हैं कि सीएम अशोक गहलोत उनसे सलाह किए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं.

- बैठक से पहले राजस्थान की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट की सीएम दावेदारी के विरोध में कांग्रेस के 82 विधायक इस्तीफा दे सकते हैं.

- विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत ने कहा है कि ऐसी अफवाह फैलाई गई कि मैं CM पद नहीं छोड़ना चाहता, जबकि मैं तो 9 अगस्त को ही इस पर अपनी राय स्पष्ट कर चुका हूं.

- कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के आवास के बाहर एक बस पहुंची. यहां कांग्रेस के विधायक मौजूद हैं.

- सचिन पायलट बैठक में शामिल होने के लिए अपने आवास से निकल चुके हैं.

- राजेंद्र गुड़ा ने कहा है कि अगर सभी 101 विधायक भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो क्या सरकार बहुमत नहीं खोएगी. मैं इस बैठक में शामिल नहीं हो रहा हूं. मेरे घर में कुछ विधायक हैं.

- कांग्रेस विधायकों की बैठक में कुछ देरी हो रही है. फिलहाल सीएम अशोक गहलोत आलाकमान के द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर रहे हैं.

- पर्यवेक्षकों से मुलाकात करने पहुंचे अशोक गहलोत. कांग्रेस ने बैठक में शामिल होने के लिए अजय माकन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.

- बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए मंत्री राजेंद्र गुड़ा ने कहा है कि निर्दलीय विधायक तो कुछ भी कह सकते हैं. लेकिन वे पार्टी आलाकमान के साथ हैं.

- तनोट माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने नए सीएम के सवाल पर कहा कि नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए, लेकिन ऐसे चेहरे के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए ,जो राजस्थान में आगामी चुनावो में जीत दिला सके.

राजस्थान में क्या है कांग्रेस की स्थिति?

बता दें कि 2018 में 200 विधानसभा वाले राजस्थान की 199 सीटों पर वोटिंग हुई थी. जिनमें से कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 71 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा बीएसपी को 6, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्‍ससिस्‍ट) को 2, भारतीय ट्रायबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोक दल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलियों को 13 सीटों पर जीत मिली थी. 2019 में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वहीं रालोद ने भी कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था.

मांग नहीं मानी तो सरकार गिरने का खतरा

अशोक गहलोत के समर्थकों ने अभी से बगावती सुर दिखाने शुरू कर दिए हैं. कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि विधायकों ने अशोक गहलोत को ही अपना नेता माना है. इससे पहले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने गहलोत को ही सीएम बनाए रखने की मांग की. उन्होंने कहा है कि अगर विधायकों की इच्छा के आधार पर ही मुख्यमंत्री का चयन होता है तो सरकार ठीक तरह से चलती रहेगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार गिरने का खतरा है.

लोकदल कोटे से राज्यमंत्री और गहलोत के करीबी डॉ. सुभाष गर्ग ने पायलट का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. गर्ग ने कहा, 'जिन लोगों (पायलट) ने 2 साल पहले सरकार गिराने की कोशिश की, उन्हें प्रदेश की कमान सौंपने की तैयारी की जा रही है. इससे पार्टी और सरकार दोनों कमजोर हो सकते हैं.'

सहयोगी दलों से भी पूछा जाना चाहिए

गर्ग ने आगे कहा, 'जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाई थी, उनका क्या? कांग्रेस को उनकी भावनाओं का भी खयाल रखना चाहिए, जो दो महीने तक घर छोड़कर होटलों में बाड़ेबंदी के अंदर रहे. हमने सरकार बनाने में सहयोग किया. सहयोगी दलों से पूछा जाना चाहिए कि आगे सरकार कैसे बचेगी.'

सीएम पद छोड़ने पर गहलोत का स्टैंड?

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सीएम पद छोड़ने को लेकर कहा है कि वे कहां रहेंगे ये वक्त ही तय करेगा. लेकिन वे राजस्थान छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. गहलोत ने कहा कि उन्होंने 9 अगस्त को सोनिया गांधी से इस्तीफे की पेशकश की थी. मुझे कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया. अब नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए. हालांकि, नए सीएम के नाम पर उन्होंने कहा कि यह विधायक दल की बैठक में ही तय होगा.

तनोट माता के मंदिर पहुंचे गहलोत

अशोक गहलोत ने रविवार को जैसलमेर के प्रसिद्ध तनोट माता के मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. उन्होंने देश में शांति और अमन की कामना की. राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' पर उन्होंने कहा कि यात्रा शानदार चल रही है.

जो भी चुनाव लड़ना चाहे लड़े

कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के पद के चुनाव को लेकर भी सीएम अशोक गहलोत ने अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने कहा है कि पार्टी प्रमुख के अध्यक्ष को लेकर हम न्यूट्रल हैं. जो भी चुनाव लड़ना चाहता है, वह लड़ सकता है.


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