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नई तकनीक विकसित! IIT ने किया कमाल, कभी राहुल गांधी ने उड़ाया था मजाक, देखें ये VIDEO
jantaserishta.com
13 Dec 2020 8:20 AM GMT
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IIT ने किया बड़ा दावा.
IIT, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने हाइड्रोफोबिसिटी की अवधारणा का उपयोग करते हुए हवा (जलवाष्प) से पानी निकालने के लिए एक नई तकनीक विकसित करने का दावा किया है. केमेस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर उत्तम मन्ना के नेतृत्व वाली एक टीम में उनके रिसर्च स्टूडेंट्स कौसिक माजी, अविजित दास और मंदीपा धर ने रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, के जर्नल में अपनी रिसर्च प्रकाशित की है.
याद हो कि कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक भाषण में विंड टर्बाइन की मदद से नमी वाली हवा से पानी अलग करने की बात कही थी जिसपर राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने उनका मजाक बनाया था. IIT की टीम ने प्रधानमंत्री की उस बात को सच कर दिखाया और जल वाष्प से बगैर किसी कूलेंट का प्रयोग किए पानी इकट्ठा करनी की तकनीक विकसित कर ली.
इस मौके पर प्रोफेसर मन्ना ने कहा, "यह जल-संचयन तकनीक हाइड्रोफोबिसिटी या वाटर-रिपेलिंग तकनीक पर आधारित है. हाइड्रोफोबिसिटी की अवधारणा को कमल के पत्ते को देखकर समझा जा सकता है." उन्होंने कहा कि आईआईटी-गुवाहाटी की शोध टीम ने पहली बार नम हवा से पानी को प्रभावी ढंग से निकालने के लिए रासायनिक रूप से तैयार SLIPS की अवधारणा का उपयोग किया है.
दुनिया भर में पानी की कमी बढ़ने के साथ, गैर-पारंपरिक साधनों के माध्यम से पानी को इकट्ठा करने और संरक्षित करने का प्रयास किया गया है और IIT-गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्राकृतिक तरीकों पर गौर करना शुरू किया है.
प्रोफेसर मन्ना ने आगे कहा, "हमने एक अत्यधिक एफिशिएंट वाटर हार्वेस्टिंग इंटरफ़ेस का निर्माण किया है. शोधकर्ताओं ने अपने पिचर-प्लांट से प्रेरित SLIPS मटीरियल की तुलना अन्य जैविक तरीकों से की है और उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग के लिए इसी तकनीक को सबसे बेहतर पाया है."
The real danger to India isn't that our PM doesn't understand.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2020
It's the fact that nobody around him has the guts to tell him. pic.twitter.com/ppUeBeGwpk
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