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मोनू मानेसर को लेकर नया खुलासा, SP ने कही ये बात

jantaserishta.com
18 Sep 2023 12:04 PM GMT
मोनू मानेसर को लेकर नया खुलासा, SP ने कही ये बात
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लॉरेंस बिश्नोई के बीच बातचीत के वीडियो चैट सामने आए हैं तो इस एंगल पर भी जांच शुरू करनी पड़ी है।
भरतपुर: राजस्थान पुलिस का कहना है कि मोनू मानेसर की जान को खतरा है। इसी वजह से जांच टीम अदालतों में उसकी फिजिकल पेशी से बच रही है। राजस्थान पुलिस ने बताया कि हरियाणा पुलिस को मोनू की लॉरेंस बिश्नोई के साथ बातचीत के जो वीडियो चैट मिले है उससे पता चलता है कि मोनू मानेसर एक साल पहले बिश्नोई गिरोह में शामिल होना चाहता था। डीग के पुलिस अधीक्षक ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि जब जांच टीम को पता चला की मोनू और लॉरेंस बिश्नोई के बीच बातचीत के वीडियो चैट सामने आए हैं तो इस एंगल पर भी जांच शुरू करनी पड़ी है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोनू और लॉरेंस के बीच व्हाट्स ऐप वीडियो चैट के जरिए बातचीत करीब एक साल पुरानी है। पुलिस अब इन दोनों के बीच संपर्क के पहलुओं पर जांच कर रही है। 12 सितंबर को मोनू की गिरफ्तारी के दौरान बरामद मोबाइल से हरियाणा पुलिस को ये वीडियो चैट मिली थीं। राजस्थान पुलिस का कहना है कि खुले में मोनू की जान को खतरा है। यही वजह है कि गोपालगढ़ थाना प्रभारी संतोष शर्मा और पहाड़ी पुलिस अधिकारी गिर्राज मीना ने कामां कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मोनू मानेसर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया।
राजस्थान पुलिस ने कोर्ट में कहा- चूंकि मोनू मानेसर का मामला सांप्रदायिक हिंसा का है। ऐसे में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, कुछ धार्मिक संगठनों से मोनू की जान को खतरा होने के कारण उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करना ही ठीक होगा। 14 सितंबर को कामां कोर्ट ने मोनू को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद 29 वर्षीय मोनू यादव उर्फ मोनू मानेसर के मामले की सुनवाई तब हुई जब डीग पुलिस उसे 12 सितंबर को हरियाणा से प्रोडक्शन वारंट पर ले गई। पुलिस ने मोनू को भिवानी दोहरे हत्याकांड के संबंध में धारा 302, 368, 201, 147,148, 149, 435, 364, 365 387 के तहत गिरफ्तार कर लिया।
जुनेद और नासिर हत्याकांड के करीब 212 दिन बाद मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भिवानी दोहरे हत्याकांड मामले में तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे। जुनेद और नासिर के परिवार के सदस्य इस्माइल ने 16 फरवरी को गोपालगढ़ थाने में मोनू मानेसर सहित पांच लोगों के खिलाफ उनके परिवार के दो सदस्यों को जिंदा जलाने की शिकायत दर्ज कराई थी। राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने 6 मार्च को दोनों की हत्या में कथित तौर पर शामिल आठ आरोपियों में से प्रत्येक पर 5000 रुपये का इनाम घोषित किया था। इनकी तस्वीरें 22 फरवरी को भरतपुर पुलिस ने जारी की थीं।
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