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पोस्टमार्टम के लिए नया आदेश, एक शब्द से हादसे की बजाए हत्या में बदल जाता है केस, पढ़े पेचीदा मामला
jantaserishta.com
27 Dec 2021 4:30 AM GMT
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नई दिल्ली: पोस्टमार्टम में प्राय: हेड इंजरी लिखने वाले डॉक्टरों की प्रवृत्ति से परेशान पुलिस की गुहार आला अफसरों ने भी सुन ली है। शासन ने तय किया है कि सरकारी चिकित्सकों को पोस्टमार्टम करने का तौर तरीका नए सिरे से सिखाया जाए ताकि वह पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह और साफ कर सकें जिससे पुलिस को विवेचना के दौरान कोई दिक्कत पेश न आए। अब तक 46 के करीब पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर और पुलिस की थ्योरी में टकराव सामने आ चुका है। पीएम रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को इनमें से ज्यादातर मामले में मजबूरन हत्या का केस तक दर्ज करना पड़ा है लेकिन पुलिस की थ्योरी में मौत हादसा ही रहा।
पिछले दो साल से गोरखपुर पुलिस की यह बड़ी शिकायत थी कि कई घटनाओं में मौत सामान्य हाल में हुई है। दर्जनों लोगों के सामने कुछ लोग डूब कर मरे हैं। कुछ मामलों में सरकारी डॉक्टर ने जहर का इलाज किया लेकिन मौत के बाद जब पीएम रिपोर्ट सामने आई तो हेड एंजरी शब्द ने पूरे केस को ही पलट दिया है।
पूर्व एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने इस पर सबसे पहले आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन तब इसका कोई हल नहीं निकला। वर्तमान एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने तथ्यों के साथ इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने पूरे एक साल के इस तरह के पीएम रिपोर्ट को निकलवाया तो 46 के करीब ऐसे पीएम रिपोर्ट निकले जिसमें हेड इंजरी को लेकर सवाल उठ रहे थे। खास बात यह भी थी कि इसमें से ज्यादातर पीएम तो सिर्फ एक-दो डॉक्टरों ने ही किया था। एसएसपी ने पूर्व सीएमओ को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत कराया था और यह भी बताया था कि इस वजह से पुलिस को विवेचना में किस तरह से दिक्कत आ रही है। बेगुनाह भी आरोपों के घेरे में आ जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एसएसपी के पत्राचार पर शासन ने संज्ञान लिया और सरकारी डॉक्टरों को पोस्टमार्टम के तौर तरीके पर प्रशिक्षण देने पर सहमति बनी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस मामले में डॉक्टरों का एक प्रशिक्षण कराया जाएगा जिससे समाधान निकाला जा सके। यही नहीं, उनकी तरफ से आने वाली दिक्कतों के बाद पंचनामा करने वाले पुलिसकर्मियों का भी प्रशिक्षण कराया जा सकता है।
46 केस सामने आए कई बेगुनाहों पर भी मुकदमा
गोला, चिलुआताल, चौरीचौरा, कैम्पियरगंज, गुलरिहा, बेलघाट सहित कई थानों में ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें मौत डूबने से होने की बात लोगों ने देखी पर पीएम रिपोर्ट ने हेड एंजरी के तरफ इशारा कर मामला ही फंसा दिया। हाल फिलहाल बेलघाट का मामला चल रहा है जिसमें एक परिवार से एक बच्चे और घर आए रिश्तेदार की संदिग्ध हाल में मौत हो गई थी। पता चाल कि मौत किसी तरह के प्वाइजन से हुई है। घायल बच्चे को उसके पिता अस्पताल ले गए तो वहां डॉक्टर ने भी जहर का ही इलाज किया था। लेकिन बच्चे की मौत के बाद पीएम हुआ तो रिपोर्ट हेड इंजरी की आ गई।
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