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दलित छात्र की मौत के मामले में नया मोड, जांच टीम ने कही ये बात

Nilmani Pal
21 Aug 2022 3:35 AM GMT
दलित छात्र की मौत के मामले में नया मोड, जांच टीम ने कही ये बात
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सोर्स न्यूज़  - आज तक  

राजस्थान. जालोर में स्कूल में छुआछूत की वजह से दलित छात्र की मौत के मामले में नया मोड आ गया है. शनिवार को पुलिस की ओर से शासन को एक रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें बताया गया कि उन्हें स्कूल में कोई मटका या मटकी नहीं मिली. इस मामले में अब राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के एक सदस्य ने भी कहा कि छात्र की मौत जाति आधारित भेदभाव की वजह से हुई या नहीं, इसका पता अभी लगाना है. आयोग अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को राज्य सरकार को सौंपेगा.

राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग (RSCPCR) के एक सदस्य शिव भगवान नागा जो 17 अगस्त को जालोर के सुराना गांव गए थे, उन्होंने कहा कि इंद्र मेघवाल के साथ पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि शिक्षक छैल सिंह ने 'ड्राइंग बुक पर लड़ाई' की वजह से थप्पड़ मारा था, जिसकी वजह से इंद्र के कान और आंख पर चोटें आई.

शिव नागा ने बताया कि मैंने स्कूल और घर का दौरा किया. परिवार के अलावा छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों से बात की. ज्यादातर छात्रों ने स्कूल में जाति के आधार पर किसी भी भेदभाव और पीने के पानी की व्यवस्था से इनकार किया, जबकि इंद्र मेघवाल के चचेरे भाई ने कहा कि शिक्षक ने उसकी पिटाई की क्योंकि उसने दोपहर के भोजन के बाद बर्तन से पानी पिया था. इंद्र मेघवाल का चचेरा भाई उसी स्कूल में 5वीं का छात्र है. नागा ने कहा कि अन्य छात्रों और शिक्षकों के अनुसार, स्कूल में पानी का बर्तन नहीं था और परिसर में सभी ने एक टैंक से पानी पिया. नागा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ग्रामीणों ने वहां जाति आधारित भेदभाव की किसी भी घटना से भी इनकार किया है. नागा ने बताया कि आयोग ने शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि यदि स्कूल की मान्यता वापस ले ली जाती है तो उसके छात्रों का दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.

वहीं जालोर के एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि शिक्षक ने घड़े को छूने पर उसकी पिटाई की थी. राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ जालोर जिला कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गए और मेघवाल के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.

इस बीच शनिवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे. उन्होंने परिवार को सहयोग देने का भरोसा दिलाया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मासूम की पीट-पीटकर हत्या करने वाले शिक्ष को सजा मिलनी चाहिए, साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी मिलनी चाहिए.

राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) क्राइम रवि प्रकाश ने शनिवार को बताया कि इस मामले में पुलिस ने शासन को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कहा कि स्कूल में कोई मटका या मटकी रखी नहीं मिली है. हालांकि स्कूल के जिस कमरे में आरोपी टीचर रहता है, वहां एक मिट्टी का बर्तन रखने की वजह है. स्कूल के स्टाफ और बच्चों का कहना है कि सभी लोग एक ही टंकी से पानी पीते हैं. जालोर मामले पर राजनीति जमकर हो रही है. विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ सचिन पायलट ने भी अपनी पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पायलट ने कहा कि फिर कोई घटना होगी तब हम एक्शन लेंगे, इस सिस्टम को बदलना होगा. वह बोले कि आजादी को 75 साल पूरे हो गए है, फिर भी जिस तरह से जातिगत भेदभाव हो रहा है और यह घटना हुई है, जो कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करती है. वहीं इस मामले में बारा अटरू के विधायक पानाचन्द मेघवाल पहले ही अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप चुके हैं.


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