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नई दिल्ली (आईएएनएस)| विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी, विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) पर एक बड़ी पहल कर रहा है। यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार इस विषय पर 29 दिसंबर सभी हितधारकों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक है। इसका सीधा लाभ देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को मिलेगा। यूजीसी के अध्यक्ष के अनुसार, एबीसी प्रत्येक छात्र को डिजिटल रूप में एक अद्वितीय व्यक्तिगत शैक्षणिक बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है। प्रत्येक खाताधारक को एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाती है। एबीसी के प्रमुख कार्य एबीसी योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों का पंजीकरण और, छात्रों के शैक्षणिक खातों को खोलना, सत्यापन, क्रेडिट सत्यापन, क्रेडिट संचय, क्रेडिट हस्तांतरण और हितधारकों के बीच एबीसी को बढ़ावा देना है।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की शैक्षणिक डाटा का रिकॉर्ड रखेगा। इसके लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद छात्रों का एकेडमिक बैंक में अकाउंट खोला जाएगा। खाता खोलने के बाद छात्रों को एक विशेष आईडी प्रदान की जाएगी। शिक्षण संस्थान छात्रों के एकेडमिक अकाउंट में उनके पाठ्यक्रमों के आधार पर क्रेडिट अंक प्रदान करेंगे। इस तरह से कॉलेजों या फिर अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों का डेटा स्टोर होना शुरू हो जाएगा।
ऐसी स्थिति में यदि कोई छात्र किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसके क्रेडिट (टाइम पीरियड) के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी। फस्र्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट, सेकेंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा और कोर्स पूर करने पर डिग्री दी जाएगी।
एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उनके पोर्टल पर कुल 854 विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थान पंजीकृत हैं। वहीं अब तक 48 लाख छात्रों की आईडी बनाई जा चुकी हैं।
वहीं करने निर्णय के अंतर्गत यूजीसी, ऑनलाइन व ओपन एंड डिस्टेंस लर्निग (ओडीएल) पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) का अनिवार्य करने जा रहा है।
यूजीसी की इस पहल के बाद ऑनलाइन और ओडीएल पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने छात्रों को एबीसी में अनिवार्य रूप से पंजीकृत करना होगा। यूजीसी इसके लिए ऐसे सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) को एक पत्र भी भेजा है। फिलहाल देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा 58 ऑनलाइन और 86 ओडीएल पाठ्यक्रम छात्रों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए यूजीसी ने आईएएनएस को बताया कि ओडीएल और ऑनलाइन मोड में पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में एबीसी का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
इन विषय के संबंध में सभी संबंधित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र के माध्यम से यूजीसी इन संस्थानों को यह बताया है कि एनईपी-2020 में परिकल्पित एबीसी अनिवार्य है। उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईएल) में छात्रों के पाठ्यक्रम ढांचे और अंत विषय, बहु-विषयक शैक्षणिक गतिशीलता के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की सुविधा है। यह एक उपयुक्त 'क्रेडिट ट्रांसफर' तंत्र वाला प्रावधान है।
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