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नया इतिहास: देश में कोरोना टीकाकरण का दोहरा शतक, जानें पूरी डिटेल्स

jantaserishta.com
17 July 2022 7:56 AM GMT
नया इतिहास: देश में कोरोना टीकाकरण का दोहरा शतक, जानें पूरी डिटेल्स
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में भारत ने रविवार को एक नया इतिहास बनाया है. कोरोना से बचाव के लिए 18 जनवरी 2021 को शुरू हुआ टीकाकरण अभियान 200 करोड़ को पार कर गया है. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है जहां टीकाकरण की संख्या दो अरब डोज को पार कर गई है. 16 जनवरी 2021 में सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स और बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया था जो धीरे-धीरे यहां तक पहुंच चुका है. बता दें कि 21 अक्टूबर 2021 को भारत में 100 करोड़ कोविड वैक्सीन लगाने का रिकार्ड बना था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है और भारत ने दुनिया को कोरोना से बचाव का रास्ता दिखाया है. मंडाविया ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने ये मुकाम हासिल किया है. हमने केवल 18 महीनों में इतना कठिन लक्ष्य हासिल किया है. मैं इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य कर्मियों और नागरिकों को बधाई देता हूं.
16 जनवरी 2021 को शुरू होने वाला टीकाकरण अभियान ने 10 महीने बाद ही इतिहास रच दिया था. करीब 9 महीने बाद 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ कोविड वैक्सीन लगाने का रिकार्ड बना लिया था. इसके बाद अगला 100 करोड़ डोज भी नौ महीने में लगाकर भारत ने नया रिकार्ड बनाया है.
भारत में 16 जनवरी को वैक्सीनेशन शुरू हुआ था. उस वक्त स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वॉरियर्स को वैक्सीन दी गई. इसके बाद 1 मार्च से वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू हुआ. इसमें 60 साल से ज्यादा उम्र वाले और किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी गई.
1 अप्रैल से देश में 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन दी जाने लगी. भारत में 1 मई को 18 साल से ऊपर के सभी लोगों वैक्सीन देने का ऐलान किया गया. हालांकि शुरुआती तौर पर इसे देश के सबसे संक्रमित शहरों से शुरू किया गया था. मौजूदा समय में देश के करीब 63,467 सेंटर्स पर वैक्सीन लग रही हैं. इनमें 61,270 सरकारी और 2,197 प्राइवेट सेंटर्स हैं.
कोरोना के खिलाफ शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के तहत पहले सप्ताह में 12 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन डोज दी गई थी. हालांकि शुरुआत में लोगों ने इसमें कम दिलचस्पी दिखाई और कुछ लोगों ने टीके का विरोध भी किया लेकिन जब वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की ओर से इसे कोरोना के खिलाफ सबसे ज्यादा कारगर बताया तो फिर टीकाकरण की रफ्तार ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया.
कोरोना की पहली लहर के बाद भारत के वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की मदद से वैक्सीन का इजाद किया गया. इसके बाद इसे प्रभावी भी बताया गया. फिर जनवरी 2021 में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया लेकिन कुछ महीनों के बाद ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई जिससे टीकाकरण अभियान धीमा पड़ गया. हालांकि इसके पहले बहुत बड़े वर्ग का टीकाकरण हो चुका था.
दूसरी लहर के बीच ही बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स के अलावा व्यस्कों के लिए भी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया. इसके बाद कई ऐसे महीने और हफ्ते आए जब टीकाकरण का रिकार्ड बनता गया और टूटता गया. केंद्र सरकार ने 2021 के अंत तक दो अरब यानी की 200 करोड़ वैक्सीन डोज का टार्गेट रखा था लेकिन इसे समय से पूरा नहीं किया जा सका.
बता दें कि देश में एक अरब से ज्यादा की आबादी को कम से कम एक डोज दी जा चुकी है. वहीं पांच करोड़ से अधिक ऐसे लोग हैं जिन्होंने दोनों डोज लेने के बाद बूस्टर शॉट भी ले लिया है.


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