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राजधानी में नई आबकारी नीति लागू होने के साथ बुधवार को दिल्ली की सभी सरकारी दुकानें बंद हो गईं
राजधानी में नई आबकारी नीति लागू होने के साथ बुधवार को दिल्ली की सभी सरकारी दुकानें बंद हो गईं। लेकिन इसकी जगह लेने वाली नई दुकानों पर पहले दिन स्टॉक ही नहीं पहुंच सका। इससे शराब की शौकीन पूरे दिन दुकान-दर-दुकान चक्कर लगाते दिखे। इसने बैक्विट हॉल संचालकों की दिक्कत बढ़ाई है। अभी तक लाइसेंस न मिल पाने से शादी-समारोहों समेत दूसरे कार्यक्रमों में शराब परोसना संभव नहीं हो पाया। नई आबकारी नीति ने होटल मालिकों पर भी भारी पड़ी है। बॉलरूम में व्हिस्की की बिक्री पर लगी पाबंदी और लाइसेंस शुल्क बढ़ाने से बड़े होटल कारोबारी परेशान हैं। इस सबके बीच रेस्टोरेंट व बार संचालक खुश नजर आए। मार्च का पुराना लाइसेंस होने से यहां पर सप्लाई सामान्य रही। नतीजन शराब के शौकीनों ने यहां जाम जी-भरकर जाम छलकाए।
रेस्टोरेंट-बार में शराब की कमी नहीं
नई दुकानों पर स्टॉक न होने से शराब के शौकीन परेशान दिखे, वहीं रेस्टोरेंट व बार में जमकर जाम छलकाया गया। पीतमपुरा स्थित ग्रीन लाउंज बैक्वीट रेस्तरा के संजीव नागपाल ने बताया कि उनके रेस्टोरेंट में शराब की कोई कमी नहीं रही। रेट में भी फिलहाल ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। जबकि नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सदस्य संतोष जिंदल ने बताया कि बार-रेस्टोरेंट चालकों को पहले से ही पता था कि किल्लत हो सकती है। इसे देखते हुए पहले से ही स्टॉक कर लिया गया था। किसी तरह का बदलाव नहीं है। पहला दिन है, आने वाले दिनों में पता चलेगा नई आबकारी नीति कितनी सहूलियत दे रही है।
बैक्वेट हॉल वालों की परेशानी बरकरार
बैक्वीट हॉल चलाने वालों की परेशानी कम नहीं हुई है। शराब परोसने का लाइसेंस अभी उन्हें नहीं मिला है। इतना ही नहीं, अब उन्हें लाइसेंस सिर्फ परोसने का मिलेगा। वह शराब की बिक्री नहीं कर सकेंगे। शादी-समारोह के आयोजन के दौरान जिनका कार्यक्रम होगा वहीं, शराब खरीदकर बैक्वीट हॉल वालों को परोसने को देंगे। दिल्ली बैक्वेट एसोसिएशन के अध्यक्ष व फाइव स्टार होटल एसोसिएशन के सदस्य रमेश डेंग ने बताया कि सभी नीति सरकार सिर्फ अपने लिए बनाती है। फाइव स्टार होटल के बॉल रूम में व्हीस्की परोसने की इजाजत नहीं है, लेकिन लाइसेंस के लिए 15 लाख जरूर वसूला जा रहा है। इसी तरह बैक्वीट हॉल में सिर्फ शराब परोसने का लाइसेंस जारी किया जा रहा है। बिक्री करने के लिए नहीं।
दुकान चलाने के लिए 10 लाख नहीं 1 करोड़ की आवश्कता
व्यवसायी रमेश डेंग का कहना है कि पहले 10 लाख रुपये में शराब की दुकानें खुल जाती थीं। लेकिन अब शराब की बिक्री करने के लिए एक करोड़ रुपये की आवश्कता होगी। फाइव स्टार होटल में पहले 30 लाख रुपये का लाइसेंस मिलता था। अब एक करोड़ में मिल रहा है। इन दिनों 10 लाख की व्हीस्की भी नहीं बिकती है, ऐसे में एक करोड़ रुपये का लाइसेंस फीस थोपना कहीं से जायज नहीं है।
21 साल के युवा भी पी सकेंगे शराब
नई आबकारी नीति के तहत अब अब 21 साल के युवा शराब का सेवन कर सकेंगे। रेस्टोरेंट व होटलों में भी युवक जाम छलका सकेंगे। शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है। लाइसेंस धारकों को मोबाइल एप या वेबसाइट के माध्यम से ऑर्डर लेकर शराब की होम डिलीवरी करने की छूट आबकारी नीति में दी गई है। हालांकि किसी छात्रावास, कार्यालय या संस्थान में शराब की डिलीवरी करने की इजाजत नहीं होगी।
एक बजे रात तक ही अभी मिलेगा शराब
करोल बाग स्थिति बुहिम बार की संचालिका संतोष जिंदल ने बताया कि देर रात तीन बजे तक रेस्टोरेंट बार खोलने को लेकर नोटिफिकेशन नहीं आया है। नोटिफिकेशन आने के बाद ही देर रात तक शराब की बिक्री होगी। अभी रात एक बजे तक ही रेस्टोरेंट में बैठकर लोग शराब का सेवन कर सकते है।
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