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New Delhi: लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश, कानूनों के सरलीकरण पर जोर

Admindelhi1
13 Feb 2025 10:22 AM GMT
New Delhi: लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश, कानूनों के सरलीकरण पर जोर
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"ये 10 बड़े बदलाव टैक्सपेयर्स पर डालेंगे सीधा असर"

दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 (New Income Tax Bill 2025) पेश कर दिया है। यह नया कानून इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा। 63 साल बाद हो रहे इस बड़े बदलाव में कई अहम सुधार किए गए हैं।

बिल की ड्राफ्ट कॉपी से क्या पता चला?

12 फरवरी (बुधवार) को सामने आई ड्राफ्ट कॉपी के मुताबिक, नया इनकम टैक्स कानून पहले से छोटा, सरल और समझने में आसान होगा। यह टैक्सपेयर्स के लिए जटिलता को कम करेगा और टैक्स प्रणाली को अधिक स्पष्ट बनाएगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज इस बिल को लोकसभा में पेश करेंगी। इससे करदाताओं को क्या राहत मिलेगी और टैक्स सिस्टम में क्या नए बदलाव होंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

केंद्र सरकार ने Income Tax Bill 2025 को पहले से ज्यादा सरल, पारदर्शी और टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाने का दावा किया है। इसमें डिजिटलीकरण, टैक्स पेमेंट में सुधार और टैक्स चोरी पर सख्ती जैसे बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं इस नए इनकम टैक्स बिल की 10 बड़ी बातें—

1. पुराने कानून से छोटा और आसान

नए Income Tax Bill 2025 को आम लोगों के लिए ज्यादा आसान भाषा में लिखा गया है और इसे पहले से संक्षिप्त किया गया है। पुराने 1961 के इनकम टैक्स एक्ट में 880 पेज थे, जबकि अब इसे 622 पेज का कर दिया गया है। नए बिल में 536 धाराएं और 23 चैप्टर शामिल हैं।

2. ‘असेसमेंट इयर’ की जगह ‘टैक्स इयर’

सरकार नए इनकम टैक्स बिल में असेसमेंट इयर (Assessment Year) की जगह टैक्स इयर (Tax Year) लाने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद असेसमेंट इयर और पिछले वित्त वर्ष (Last Financial Year) को लेकर होने वाले कनफ्यूजन को खत्म करना है।

अभी कई लोग यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें किस साल के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना है। टैक्स इयर की नई व्यवस्था से यह समस्या खत्म होगी और टैक्स फाइल करना पहले से आसान हो जाएगा।

3. न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा

अगर आप सैलरीड व्यक्ति हैं, तो टैक्स सिस्टम में आपके लिए एक अहम बदलाव हुआ है। पुराने टैक्स रिजीम में आपको पहले की तरह 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता रहेगा। लेकिन अगर आप नए टैक्स रिजीम को चुनते हैं, तो यह डिडक्शन बढ़कर 75,000 रुपये तक हो जाएगा।

इसके अलावा, बजट में घोषित टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी टैक्स की दरें पहले जैसी ही रहेंगी।

नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब:

4 लाख रुपये तक की इनकम – कोई टैक्स नहीं

4,00,001 से 8 लाख रुपये तक – 5% टैक्स

8,00,001 से 12 लाख रुपये तक – 10% टैक्स

12,00,001 से 16 लाख रुपये तक – 15% टैक्स

16,00,001 से 20 लाख रुपये तक – 20% टैक्स

यानी, अगर आप नए टैक्स रिजीम को अपनाते हैं, तो आपको ज्यादा स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा, लेकिन टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा।

4. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन बदल सकते हैं

अगर नया इनकम टैक्स बिल लागू हुआ, तो मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट की कई धाराएं बदल सकती हैं। उदाहरण के लिए, अभी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग का सेक्शन 139 और नई टैक्स रिजीम का सेक्शन 115BAC है। लेकिन नए बिल में इनसे जुड़े सेक्शन बदले जा सकते हैं या नए सेक्शन जोड़े जा सकते हैं।

5. TDS नियम हुए आसान, एक ही सेक्शन में शामिल किए गए प्रावधान

नए इनकम टैक्स बिल में TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) से जुड़े सभी नियमों को एक ही सेक्शन में शामिल कर दिया गया है। इससे टैक्सपेयर्स और कंपनियों के लिए TDS कटौती और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

हालांकि, इस बदलाव के बाद नया कानून लागू होने पर टैक्सपेयर्स और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ITR फाइलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम में कई बदलाव करने पड़ सकते हैं।

6. CA के पास होगा टैक्स ऑडिट करने का अधिकार

टैक्स ऑडिट को लेकर पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इसके दायरे में कंपनी सेक्रेटरी (CS) और कॉस्ट अकाउंटेंट (CMA) को भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि, धारा 515(3)(b) में ‘अकाउंटेंट’ का मतलब चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को बताया गया है। इससे साफ हो गया है कि टैक्स ऑडिट करने का अधिकार सिर्फ CA के पास रहेगा। यह फैसला CA समुदाय के लिए राहत भरा माना जा रहा है।

7. कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं

लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) और शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये दरें पिछले साल लागू किए गए नियमों के अनुसार ही बनी रहेंगी। ड्राफ्ट के मुताबिक, 12 महीने तक की अवधि को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स पहले की तरह 20% रहेगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) पर 12.5% टैक्स लगेगा।

8. धारा 44AD/44AE/44ADA से जुड़े विवाद खत्म

नई इनकम टैक्स बिल ने धारा 44AD/44AE/44ADA से जुड़े विवाद को खत्म कर दिया है, जो पेशेवरों के लिए बड़ी चिंता का विषय था। अब, इन धाराओं के तहत लाभ की गणना (profit computation) के तरीके में ‘वास्तव में अर्जित लाभ’ (Profit claimed to have been actually earned) जोड़ दिया गया है। इसका मतलब है कि अब टैक्सपेयर्स को यह दिखाना होगा कि उन्होंने जो लाभ घोषित किया है, वह वास्तव में कमाया भी गया है। इससे प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) के नियम ज्यादा स्पष्ट हो जाएंगे और टैक्स अधिकारियों को सही आकलन करने में मदद मिलेगी।

9. कृषि आय पर छूट

नई टैक्स बिल में कृषि आय (Agriculture Income) को कुछ शर्तों के साथ टैक्स फ्री रखा गया है। इसके अलावा, धार्मिक ट्रस्ट, संस्थाओं और दान में दी गई राशि पर भी टैक्स छूट मिलेगी। इलेक्टोरल ट्रस्ट को भी टैक्स से राहत दी गई है।

10. वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) पर टैक्स:

अब वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (जिसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं) को संपत्ति की तरह माना जा रहा है। इसका मतलब है कि इन पर उसी तरह टैक्स लगेगा जैसे प्रॉपर्टी, ज्वेलरी और शेयर पर लगता है।

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