सरकारी स्कूलों में नया अटेंडेंस सिस्टम लागू, हर कक्षा के बारे में रजिस्टर में देनी होगी जानकारी

पटना। नववर्ष 2024 के पहले दिन से शिक्षा विभाग में नया नियम लागू हो गया है। यह नया नियम शिक्षकों के अटेंडेंस से संबंधित है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को शिक्षकों के अटेंडेंस को लेकर के नया अटेंडेंस पैटर्न भेजा गया है। इस अटेंडेंस पैटर्न में शिक्षक अपनी उपस्थिति बनाने के …
पटना। नववर्ष 2024 के पहले दिन से शिक्षा विभाग में नया नियम लागू हो गया है। यह नया नियम शिक्षकों के अटेंडेंस से संबंधित है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को शिक्षकों के अटेंडेंस को लेकर के नया अटेंडेंस पैटर्न भेजा गया है। इस अटेंडेंस पैटर्न में शिक्षक अपनी उपस्थिति बनाने के साथ-साथ किस घंटी में किस कक्षा में जाकर क्या पढ़ा रहे हैं, इसका ब्यौरा पेश कर रहे हैं। शिक्षकों को नए अटेंडेंस पैटर्न में यह बताना अनिवार्य हो गया है कि उन्होंने किस कक्षा में क्या पढ़ाया और विशेष कक्षाओं में कितने बच्चों को पढ़ाया। इसके साथ ही शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर भी शिक्षा विभाग में स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि जो शिक्षक अधिक छुट्टी ले रहे हैं, उनको जिला शिक्षा पदाधिकारी चिह्नित कर विभाग को सूचना दें।
इसके अलावा नए साल से सभी सरकारी विद्यालयों के लिए यह नियम लागू हो गया है कि किसी विद्यालय में एक साथ 10% से अधिक शिक्षक अवकाश पर नहीं जाएंगे। असल में कई बार अपनी बची हुई छुट्टियों को खर्च करने के लिए शिक्षक अवकाश पर चले जाते थे। जिस वजह से स्थिति यह होती थी कि विद्यालय के 10 अध्यापकों में चार से पांच अध्यापक ही कभी-कभी ड्यूटी पर नजर आते थे। इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए शिक्षा विभाग के ऊपर मुख्य सचिव के पाठक में यह आदेश जारी किया है। स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि विद्यालय से 10% से अधिक शिक्षक अवकाश पर मिलते हैं तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर विभागीय कार्रवाई होगी। वहीं अगर शिक्षा विभाग के नए अटेंडेंस पैटर्न की बात करें तो देश में इस प्रकार का यह अब तक का पहला एक्सपेरिमेंट है। नए अटेंडेंस पैटर्न के हिसाब से प्रतिदिन शाम में शिक्षा विभाग की होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विद्यालय के प्रधानाचार्य उक्त दिन का अटेंडेंस रजिस्टर विभाग के सामने पेश करेंगे। इससे शिक्षा विभाग को भी यह जानकारी मिल पाएगी की शिक्षकों ने कितने वर्ग का संचालन किया है और मिशन दक्ष के तहत कितने बच्चों को पढ़ाया है। यह अपने आप में काफी अनोखा एक्सपेरिमेंट है और शिक्षक छात्र के बीच रिश्ते में घनिष्ठता लाने के उद्देश्य से इसे लाया गया है। शिक्षाविदों का मानना है कि आने वाले समय में दूसरे राज्य भी इस पहल का अनुकरण करें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।
