बीते दो दिनों से हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बड़हलगंज में रामजानकी मार्ग से जुड़े डेरवा से सूबेदारनगर इलाके की ओर से जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी आने से वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। कछरांचल और दियारा के अलावा कोलखास-ज्ञानकोल के कई गांव बाढ़ के पानी से घिरते जा रहे हैं। यहां संपर्क मार्ग टूट गया है।
वहीं राप्ती नदी का जलस्तर डेढ़ सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने लगा है। नदी अब खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे ही बह रही है। नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए राजस्व कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रशासन नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है।
बड़हलगंज प्रतिनिधि के अनुसार, बीते 24 घंटे में रामजानकी मार्ग से जुड़े डेरवा से सूबेदारनगर माझा व मोहन पौहरिया, बैरिया खास, खोहिया पट्टी को जोड़ने वाली सड़क पर जगह-जगह राप्ती के बाढ़ का पानी ओवरफ्लो करने लगा है। इससे बाइक और चारपहिया वाहनों का आवागमन बंद हो गया है।
वहीं नरहरपुर में सरयू (घाघरा) नदी की कटान कर रही है। स्थानीय लोगों का अनुमान है कि एक से दो दिनों में कछरांचल और दियारा के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर जाएंगे। सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से विस्थापित गांव कोलखास व ज्ञानकोल पानी से घिर गए हैं। यहां के ग्रामीण हर साल बाढ़ की भीषण विभीषिका झेल रहे हैं।
बड़हलगंज क्षेत्र के अजयपुरा निवासी बीरबल यादव, संदीप यादव, मोहन पौहरिया निवासी विजयी यादव, मन्नू यादव, अजय तिवारी, सूबेदारनगर के प्रधान सत्यसेन सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य रामाशीष विश्वकर्मा आदि का कहना है कि बैरिया-सरया बंधा बन जाता तो हर वर्ष बाढ़ की मार नहीं झेलनी पड़ती। बाढ़ के पानी से सैकड़ों एकड़ फसल व पशुओं के चारे बह गए हैं।