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भारत में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तान और चीनी नागरिकों के लिए आसान रास्ता है नेपाल, जानें कैसे?
jantaserishta.com
9 July 2023 5:39 AM GMT
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बना खतरा.
नोएडा: नेपाल के भारत का मित्र देश होने और बिना फेंसिंग के बॉर्डर होने का पूरा फायदा भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन उठाते हैं। भारत में घुसपैठ करने के लिए नेपाल को अपना जरिया बनाकर यह पड़ोसी मुल्क यहां अपने लोगों को भेजते हैं और गैर कानूनी काम में शामिल कर देते हैं। हाल ही में सामने आए मामले में पब्जी गेम से मोहब्बत और उसके बाद पाकिस्तानी महिला नेपाल के जरिए भारत पहुंच गई। यहां पर उसने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सचिन के साथ घर बसाने का सपना देख लिया और अपने साथ अपने बच्चों को भी लेकर आ गई। न कोई वैलिड डॉक्यूमेंट न ही वीजा और महिला आराम से बीते 50 दिनों से अपने भारतीय प्रेमी के साथ किराए पर कमरा लेकर रह रही थी।
उसके पकड़े जाने के बाद जब पुलिस को उसके आने का रूट पता चला तो नोएडा पुलिस ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा और मंत्रालय को भी पत्र लिखकर नेपाल के रास्ते से आने वाले एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा कड़ी करने की गुहार लगाई।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस ने कई चाइनीस विदेशी नागरिकों को नेपाल के जरिए भारत में एंट्री कर यहां अवैध तरीके से रहने के बाद मामले में पकड़ा है।
बीते 6 जुलाई को नेपाल के रास्ते भारत आकर ग्रेटर नोएडा में रह रहे चीन के दो नागरिकों -- डेंग चोंकों और मैग हाउजे को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बृहस्पतिवार देर शाम गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से फर्जी आधार और पेन कार्ड बरामद किया गया है। दस दिन पहले एसटीएफ ने दो ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जो चीन के नागरिकों का भारतीय पासपोर्ट बनवाते थे।
मैग हाउजे उन्हीं आरोपिओ का साथी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बैग हाउजे ओप्पो फैक्ट्री में नौकरी करता था। वर्ष 2022 में अक्टूबर माह में पुलिस ने उसको बिना वीजा के पकड़ा था। उसको उसके देश चीन वापस डिपोर्ट कर दिया गया था।
चीन पहुंचने के बाद वह टूरिस्ट वीजा पर नेपाल आया। वहां से बस में सवार होकर महाराजगंज बार्डर के रास्ते वह फिर से ग्रेटर नोएडा आ गया और यहां अवैध रूप से रहने लगा। जांच में पता चला है कि आरोपी ने खुद के आदि शर्मा नाम का फर्जी आधार कार्ड बना लिया था। ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 2 थाना बीटा-2 विला नं.0-23 ग्रीन बुड फेस में रह रहा था।
आशंका है कि उसने चीन के कई अन्य लोगों का भी फर्जी दस्तावेज तैयार किया है। दोनो की वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है, जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए डिटेन्शन सैन्टर आर.के. पुरम नई दिल्ली भेजा गया। पाकिस्तान और चीन से अवैध रूप से भारत आने वाले लोगों के लिए नेपाल सेफ पैसेज बनता जा रहा है।
चाइनीज नागरिक नेपाल के जरिए भारत आने को सबसे आसान और सेफ पैसेज मानते हैं। कुछ दिनों पहले ही बॉर्डर पर चीनी नागरिकों को वापस जाते समय एसएसबी के जवानों ने गिरफ्तार कर लिया था। वे बिना वीजा के 18 दिनों तक दिल्ली- एनसीआर में घूमते रहे।
कौन कौन से मामले आए है समाने
1- पब्जी गेम के जरिए प्यार में पड़ी पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर नेपाल के जरिए भारत पहुंची।
2 - ऑनलाइन गेम के दौरान पाकिस्तानी महिला इकरा को प्रयागराज के मुलायम सिंह यादव से प्यार हो गया। बेंगलुरु पुलिस ने पाकिस्तान की रहने वाली इकरा और यूपी के प्रयागराज जिले के मकसूदन गांव के रहने वाले मुलायम सिंह यादव को 23 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ करने के बाद इकरा को 19 फरवरी को पाकिस्तान भेज दिया गया। ऑनलाइन लूडो खेलने के दौरान पाकिस्तान के हैदराबाद निवासी इकरा को मुलायम सिंह यादव से प्यार हो गया था। इकरा सितंबर 2022 में काठमांडू से होते हुए भारत में दाखिल हुई थी।
3 - 11 जून को 2022 में भारत-नेपाल बॉर्डर पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने दो चीनी नागरिकों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया था। दोनों युवक 18 दिनों तक बिना वीजा दिल्ली-एनसीआर के अंदर घूमते रहे। वह 24 मई 2022 को नेपाल सीमा से भारत में घुसे थे।
दोनों अपने दोस्त के पास नोएडा में करीब 15 दिनों तक रुके थे। दोनों नागरिकों की पहचान लू लैंग (30) और युन हेलांग (34) के रूप में हुई थी। दोनों के पास भारतीय वीजा नहीं थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूछताछ में पता चला था कि दोनों युवक 23 मई को थाईलैंड के रास्ते काठमांडू आए थे। फिर 24 मई को उन्होंने कोरा के रास्ते भारत में प्रवेश किया था।
सीमा गुलाम हैदर नेपाल से एक प्राइवेट बस के जरिए नोएडा आई थी। मैत्री संबंध होने के नाते दिल्ली से नेपाल जाने के लिए 10 से ज्यादा कंपनियों की प्राइवेट बसें रोजाना नेपाल और दिल्ली के बीच चलती हैं। ये बसें सुबह छह बजे से देर शाम तक चलती हैं। जिनसे रोजाना सैकड़ों मुसाफिर नेपाल से दिल्ली और दिल्ली से नेपाल आते-जाते हैं। इसके अलावा प्राइवेट टैक्सी भी आसानी से मिलती है। दरअसल, नेपाल बॉर्डर भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तराखंड के बॉर्डर को जोड़ती हैं। इन सब में बिहार राज्य का 726 किलोमीटर बॉर्डर नेपाल के साथ लगता है।
वहीं उत्तर प्रदेश का 551 किलोमीटर नेपाल के साथ बॉर्डर जुड़ा है। इस तरह अन्य राज्यों को मिलाकर कुल 1751 किमी का दायरा नेपाल से जोड़ता है। इनमें कई ऐसे रास्ते भी हैं, जहां चेकिंग काफी कम होती है। इन्हीं रास्तों का फायदा अवैध रूप से भारत आने में किया जाता है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए बताया कि जब से पंजाब और बंगाल के बॉर्डर पर फेंसिंग हुई है उसके बाद से ही नेपाल राष्ट्र विरोध ताकतों का एक आसान रास्ता बन गया है। उन्होंने बताया कि भारत और नेपाल के बीच मैत्री संबंध होने के चलते और सबसे बड़ी बात है कि कोई भी फेंसिंग इन के बॉर्डर के बीच में नहीं की गई है जिसके चलते लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं और खासतौर से जो विदेशी घुसपैठिए हैं उनके लिए एक आसान रास्ता बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर चेकिंग होती है लेकिन कई बार यह घुसपैठिए वहां से सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर भारत में प्रवेश कर जाते हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान का बॉर्डर भारत से सटा हुआ है वह इंच बाय इंच पैरामिलिट्री और आर्मी के निगरानी में रहता है इसीलिए वहां से इस तरीके की गतिविधियां कर पाना आसान नहीं है।
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