भारत

एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है: केंद्रीय शिक्षा मंत्री

Shantanu Roy
12 Sep 2023 1:57 PM GMT
एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है: केंद्रीय शिक्षा मंत्री
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उत्तराखंड। केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने देहरादून दौरे के दौरान आज बिदौली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में कार्यक्रम ‘अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047‘ में प्रतिभाग किया। इस दौरान श्री प्रधान ने संस्थान के छात्रों को भारत में जी20, अमृत काल, नेशनल एजूकेशन पॉलिसी, भारत के विज्ञान, डिजीटल क्षेत्र और विश्व में बढ़ते भारत के रूतबे जैसे विषयों पर संबोधित किया। प्रधान ने ‘अमृत काल विमर्श ऑन विकसित भारत 2047 में अपने वक्तव्य में कहा कि जी20 के दौरान अमेरीका, ब्रीटेन, जर्मनी सहित अन्य देश पहली बार राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी की समाधि पर एकत्रित हुए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। ऐसा नजारा नए भारत की तस्वीर है और ऐसा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशन नेतृत्व से ही मुमकिन हो पाया है। श्री प्रधान ने कहा कि पहले अमेरीका जैसे देश के राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय लेना होता था लेकिन आज बदलते भारत में भारत के प्रधानमंत्री आगे चलते हैं और विश्व के तमाम नेता उनके पीछे चलते हैं। उन्होंने इस दौरान छात्रों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के पंच प्राणों के बारे मंे बाताया जिसका जिक्र उन्हेंने बीते स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से किया था।
केंद्रीय शिक्ष मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लिए हम सबको अपना दायित्व निभाना होगा। अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में बात करते हुए कहा कि एनईपी भविष्य को दर्शाति है और ये एक दार्शानिक दस्तावेज है जो उभरते भारत की तस्वीर का दिखाती है। श्री प्रधान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और भारत चिंता करता है कि विश्व सुरक्षित कैसे रहेगा। उन्होंने कहा कि उर्जा खपत में भारत विश्व के तीसरे पाएदान पर है इसके बाद भी विश्व कार्बन उत्सर्जन में भारत प्रदूषक देशों की सूची में नहीं आता है। इसके बावजूद भी भारत आज चिंता करता है कि विश्व में कार्बन उत्सर्जन कम कैसे होगा और इसके लिए कई कदम उठा रहा है। आज भारत ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन में विश्व में चौथे नंबर पर है और उसका लक्ष्य 2024 तक 500 गीगा वॉट ग्रीन एनर्जी उत्पादीत करने का लक्ष्य है। इसी कड़ी में जी20 के दौरान भारत ने बायो फ्यूल एलायंस का भी गठन किया जो ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा 2014 तक ईंधन में 1 प्रतिशत इथेनॉल का प्रयोग होता था जो 2023 में बढ़ कर 10 प्रतिशत हो गया है और इसे 2025 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। ये सब नए उभरते भारत की तस्वीर है। श्री प्रधान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार भारत में लाखों लोग गरीबी रेखा से निकल कर मध्यम वर्ग की श्रेणी में आ रहे हैं, उनकी खरीद क्षमता बढ़ रही है। उन्होंने चंद्रयान, आदित्य मिशन, डिजी लॉकर, यूपीआई भुगतान, भारत में बढ़ते डिजीटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए कहा कि आज भारत तीकनीकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इन क्षेत्रों में ग्लोबल लीडर बन कर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज विश्व का 46 प्रतिशत यूपीआई भुगतान भारत में हो रहा है। भारत आज हर प्रकार की शिक्षा को ऑनलाइन कर चुका है। अपने संबोधन के अंत में श्री प्रधान ने कहा कि आज विश्व के सामने आज चुनौती है कौशल कामगारों के न उपलब्ध होने की और भारत विश्व की इस समस्या का समाधान है। भारत के अंदर ये क्षमता है जो इस स्किल गैप को भर सकता है और विश्व गुरू बन सकता है।
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