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ना घर मिला ना पैसा, बिल्डर से परेशान लोगों ने किया धरना प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

Shantanu Roy
19 March 2023 6:54 PM GMT
ना घर मिला ना पैसा, बिल्डर से परेशान लोगों ने किया धरना प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी
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फरीदाबाद। बिल्डर की मनमानी से परेशान लोगों ने सरकार और बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। फरीदाबाद के सेक्टर 80 में अंसल बिल्डर की अंसल क्राउन हाइट नाम से प्रोजेक्ट में सपनों का घर सपना ही बन गया। सरकार और बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी और धरना प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों ने अब सरकार से सीधे दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है। इसके बाद अब लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इनकी सुनवाई नहीं होती है तो वो आमरण अनसन भी करेंगे और जो भी कदम उनके सपनों के घर को दिलाने में मदद करेगा वो उठाया जायेगा। पिछले कई साल से अपने आशियाने का सपना संजोए लोग आज भी वहीं खड़े हैं जहां पहले खड़े थे। पैसे खर्च करने के बाद भी अंसल क्राउन इनफ्राबिल्ड प्राइवेट लिंमिटेड कंपनी ने उन्हें फ्लैटस उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस संबंध में आज अंसल क्रॉउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार से फ्लैट शीघ्र दिलाने की मांग की है।
लगभग 15 साल पहले बिल्डर ने फ्लैटस बेचने शुरू किए थे और यह फ्लैट बनते हुए दिखाकर लगभग 90 से 95 प्रतिशत पैसे ले लिए। पहले तो कई साल तक झूठ बोलते रहे कि उन्हें फ्लैट दे दिए जाएंगे, लेकिन बाद में बिल्कुल मना कर दिया गया। लोगों ने बताया कि जीवन भर की जमा पूंजी को एक व्यक्ति घर का सपना देखने के लिए एकत्र करता है और वह पैसा एक झटके में डूब जाए तो उसके परिवार और उस पर क्या बीतती है यह वह स्वयं भोगी व्यक्ति ही बता सकता है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 550 खरीदारों का पैसा लगा हुआ है। जो कुछ बुजुर्गों की जमा पूंजी है। अधिकतर फ्लैट मालिकों ने बैंक से लोन लिया हुआ है। वह बेचारे आज की स्थिति के अनुसार बैंक की किस्त घरों के किराए देने में भी असमर्थ हो रहे हैं। सभी ओर से हार कर एसोसिएशन ने कोर्ट में केस किया। एनसीडीआरसी से खरीदारों के पक्ष में फैसला आने के बाद भी बिल्डर उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं और प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला। बिल्डर के विरूद्ध फरीदाबाद में भी एफआईआर सेक्टर 12 पुलिस थाने में दर्ज कराई है। हरेरा में भी एसोसिएशन ने केस भेजा, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई भी सरकारी विभाग मदद करने के लिए तैयार नहीं, कोर्ट और सरकारी विभागों के चक्कर काट काट कर थक गए हैं। आखिर में हमें धरने और प्रदर्शन का मार्ग अपनाना पड़ा है। इसके बाद भी अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम आमरण अनशन करेंगे और घर पाने के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वो उठाए जायेंगे।
Shantanu Roy

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