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पुलिस और प्रशासन की लापरवाही हुई उजागर, दूसरे की पत्नी का हो गया अंतिम संस्कार
jantaserishta.com
25 Jun 2022 6:06 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
जानें पूरा मामला।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुंडका अग्निकांड को एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है. लेकिन इसके जख्मों को शायद ही कभी भुलाया जा सके. दरअसल, 13 मई को मुंडका के गोदाम में आग लग गई थी, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी. इसी बीच आरोप लगा है कि पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के चलते एक शख्स ने दूसरे की पत्नी के शव का अंतिम संस्कार कर डाला.
दरअसल, मनोज कुमार नाम के शख्स ने बताया कि उसकी पत्नी स्वीटी पिछले करीब डेढ़ साल से मुंडका में हादसे वाले गोदाम में काम करती थी. आगजनी की घटना में स्वीटी की मौत हो गई थी. पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए पीड़ित पति ने कहा कि लापरवाही के चलते पहले उसे किसी दूसरी महिला का शव दे दिया गया था, जिसका वह अंतिम संस्कार तक कर चुका है.
उधर, डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित को इस बात की जानकारी हुई कि उसकी पत्नी का शव दूसरे को सौंप दिया गया है. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सभी शवों को डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही सौंपा जाना चाहिए था. स्वीटी के परिजनों ने अब इस मामले में विशेष जांच की मांग की है.
मनोज कुमार ने कहा कि आगजनी की घटना में मारी गई रंजू देवी के परिवार वालों के साथ शव की अदला-बदली हुई है. ऐसे में अब इस अग्निकांड में पुलिस प्रशासन की जांच भी कटघरे में दिखाई दे रही है.
गौरतलब है कि 13 मई को मुंडका इलाके में एक सीसीटीवी के गोदाम में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 8 शवों की पहचान करके उनके परिजनों को पहले ही सौंप दिया गया. लेकिन बाकी 19 शवों की शिनाख्त ना होने के कारण उनके शवों को संजय गांधी मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया और परिजनों के डीएनए सैंपल लेकर शवों की पहचान के लिए एफएसएल भेजा गया.
आखिरकार कुछ लोगों की डीएनए रिपोर्ट आई, जिसके बाद उनके परिजनों को शव सौंप दिए गए. अब देखना होगा कि शव की अदला-बदली होने पर पुलिस इसकी जांच किस स्तर पर करती है.
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