लापरवाही : आरटीपीसीआर जांच कम होने से मिसिंग केस लगातार बढ़ने लगे, यूपी में इसी तकनीक का सबसे ज्यादा हुआ उपयोग
कोरोना के कमजोर पड़ते ही महामारी से राज्यों का ध्यान हटने लगा है। दैनिक मामले भले ही कम आ रहे हैं, लेकिन वायरस की गुणवत्ता जांच नहीं हो रही है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट चौंकाने वाली है, जिसके मुताबिक त्योहारों के दौरान बिहार और आंध्र प्रदेश में एक भी सैंपल की आरटीपीसीआर तकनीक से जांच नहीं हुई है। जबकि इसी तकनीक के जरिये उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की सबसे ज्यादा पहचान हुई है।
आईसीएमआर के विशेषज्ञों का मानना है कि आरटीपीसीआर जांच कम होने से मिसिंग केस लगातार बढ़ने लगे हैं, जो संक्रमण के प्रसार में सहायक होते हैं। अभी एक संक्रमित मरीज पर तीन से चार मिसिंग केस की आशंका हो सकती है।
आईसीएमआर की कोविड-19 सैंपल कलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम रिपोर्ट में आरटीपीसीआर जांच को लेकर हर राज्य की स्थिति के बारे में राज्यों की कुल आबादी, प्रति एक लाख की आबादी पर आरटीपीसीआर जांच की स्थिति और पिछड़े राज्यों के बारे में बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यूपी, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल में सैंपल की जानकारी केंद्र तक भेजने के लिए आरटीपीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं हुआ। आईसीएमआर ने आरटीपीसीआर, एंटीजन और एंटीबॉडी जांच को लेकर अलग-अलग एप तैयार किए थे, जिनका मकसद कम समय में हर जिले से संक्रमण की ताजा स्थिति का पता लगाना है।
कर्नाटक में सबसे ज्यादा आरटीपीसीआर जांच
सबसे ज्यादा आरटीपीसीआर जांच करने वाले राज्यों में कर्नाटक शीर्ष पर है। यहां अब तक 4.93 करोड़ सैंपल की जांच इस तकनीक से हुई है और उनमें 5.9 फीसदी मरीज पकड़ में आए हैं।
इसी तरह तमिलनाडु में 4.47, महाराष्ट्र में 2.09, ओडिशा में 2.04, दिल्ली में 1.71 और मध्य प्रदेश में 1.57 करोड़ सैंपल की जांच आरटीपीसीआर तकनीक के जरिये हुई। इनमें क्रमश: 5.3, 10.8, 5, 6.6 और 5.6 फीसदी मरीजों की पहचान हो सकी।
प्रति लाख में दिल्ली, उत्तराखंड और मिजोरम की जांच संतोषजनक
प्रति एक लाख आबादी के लिहाज से जांच के मामलों में मिजोरम, दिल्ली, कर्नाटक, लद्दाख, उत्तराखंड और पांडिचेरी का प्रदर्शन संतोषजनक माना गया। मिजोरम में प्रति लाख आबादी पर सर्वाधिक 1,11,728 सैंपल की जांच हुई। वहीं दिल्ली में 1,02,629, कर्नाटक में 80,659, लद्दाख में 77,870, उत्तराखंड में 73,155 और पुडुचेरी में 65,479 सैंपल की जांच हुई।
एक लाख तक घट गई जांच
चार अक्तूबर तक दैनिक जांच में करीब सात लाख से अधिक सैंपल की आरटीपीसीआर से जांच की जा रही थी, लेकिन इसके बाद से लगातार इनमें कमी देखने को मिल रही है। पिछले एक दिन की बात करें तो 11 में से केवल छह लाख सैंपल की जांच आरटीपीसीआर के से हुई। अब तक 59.09 करोड़ सैंपल की जांच हो चुकी है।
229 दिन बाद सामने आए सबसे कम कोरोना मरीज
देश में 229 दिन बाद सबसे कम कोरोना के मरीज मिले हैं। वहीं 220 दिन बाद सक्रिय मरीजों की संख्या भी सबसे कम दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि पिछले एक दिन में कोरोना वायरस के 14,146 नए मामले सामने आए हैं और 146 लोगों की मौत हुई है।