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वैशाली के हाजीपुर सदर अस्पताल में लापरवाही! मेल बच्चा मौत के बाद फीमेल में बदला, परिजनों ने किया हंगामा

Rani Sahu
17 April 2022 6:06 PM GMT
वैशाली के हाजीपुर सदर अस्पताल में लापरवाही! मेल बच्चा मौत के बाद फीमेल में बदला, परिजनों ने किया हंगामा
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बिहार के वैशाली में हाजीपुर सदर अस्पताल कर्मियों का कारनामा (Hajipur Sadar Hospital in Vaishali) सामने आया है

वैशाली: बिहार के वैशाली में हाजीपुर सदर अस्पताल कर्मियों का कारनामा (Hajipur Sadar Hospital in Vaishali) सामने आया है. अस्पताल कर्मियों पर मेल को फीमेल बनाने का आरोप लगा है. दरअसल, जीवित मेल बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन चार दिनों के इलाज के बाद जब बच्चे की मौत हुई तो वह मेल से फीमेल बन चुका था. यह आरोप मृत बच्चे के परिजन लगा रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएस डॉ. एसके वर्मा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है.वैशाली: बिहार के वैशाली में हाजीपुर सदर अस्पताल कर्मियों का कारनामा (Hajipur Sadar Hospital in Vaishali) सामने आया है. अस्पताल कर्मियों पर मेल को फीमेल बनाने का आरोप लगा है. दरअसल, जीवित मेल बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन चार दिनों के इलाज के बाद जब बच्चे की मौत हुई तो वह मेल से फीमेल बन चुका था. यह आरोप मृत बच्चे के परिजन लगा रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएस डॉ. एसके वर्मा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है.

वैशाली: बिहार के वैशाली में हाजीपुर सदर अस्पताल कर्मियों का कारनामा (Hajipur Sadar Hospital in Vaishali) सामने आया है. अस्पताल कर्मियों पर मेल को फीमेल बनाने का आरोप लगा है. दरअसल, जीवित मेल बच्चे को इलाज के लिए सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन चार दिनों के इलाज के बाद जब बच्चे की मौत हुई तो वह मेल से फीमेल बन चुका था. यह आरोप मृत बच्चे के परिजन लगा रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएस डॉ. एसके वर्मा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है.अस्पताल प्रशासन की लापरवाही: बताया जा रहा है कि 14 अप्रैल को राजापकड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले मुहम्मद यूसुफ अपनी बहू को डिलीवरी के लिए लेकर बिदुपुर जा रहे थे. इसी क्रम में रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया. जिसके बाद बच्चों को लेकर सभी सदर अस्पताल पहुंचे. जहां बच्चे को कमजोर बताकर इलाज के लिए एसएनसीयू में भर्ती कर लिया गया. 3 दिनों तक बच्चे के परिजन लगातार बच्चे से मिलते रहे इंट्री करने वाले रजिस्टर से लेकर पर्चे तक पर बच्चे का लिंग मेल लिखा गया.
मेल बच्चे को बना दिया फीमेल: चौथे दिन दिन सदर अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई की ओर से बताया गया कि बच्चे की हालत नाजुक है. जिसके लगभग डेढ़ घंटे बाद बच्चे की मौत की सूचना दी गई. लेकिन जब बच्चे का शव दिया गया तो तीन रातों में ही बच्चा मेल से फीमेल हो चुका था. जिसको लेकर मृत बच्चे के परिजनों ने हंगामा कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर दिया.
मामले को लेकर परिजनों में गुस्सा: घटना के विषय में मृत बच्चे की दादी कुलसुन खातून ने बताया कि उनके सामने ही गाड़ी में लड़का जन्म लिया था. जिसके मरने की सूचना की जानकारी दी गई और बच्चे का शव मांगा गया तो बच्ची का शव दे दिया गया. वहीं, डीएस डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि घटना के संदर्भ में जानकारी आई है, जांच की जा रही है. तीन डॉक्टर की टीम को जांच का जिम्मा दिया गया है.
वैशाली जिले से तमाम लोग सदर अस्पताल आते हैं कि उनका सही इलाज होगा. उनको कष्टों से मुक्ति मिलेगी. लेकिन सदर अस्पताल कर्मियों के द्वारा अक्सर ही ऐसा कारनामा पेश कर दिया जाता है, जिससे पूरी व्यवस्था पर ही प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा हो जाता है. हालांकि, इस तरह के गंभीर मामले कुछ भी स्पष्ट तौर से नहीं कहा जा सकता है. फिलहाल, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी स्पष्ट हो पाएगा.


Rani Sahu

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