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ग्रेटर नोएडा के एक फर्जी डॉक्टर द्वारा संचालित निजी अस्पताल में इलाज में कथित तौर पर घोर लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि फर्जी डॉक्टर प्रियरंजन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ बिसरख पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) राजेश एस. ने कहा कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला 19 अगस्त को बिसरख इलाके के ईको विलेज 2 में ठाकुर द्वारा संचालित आईवीएफ क्रिएशन वर्ल्ड सेंटर गई थी। अधिकारियों ने कहा कि वह इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया के लिए दो महीने से अस्पताल में इलाज करा रही थी, जो गर्भावस्था के लिए एक प्रौद्योगिकी-सहायता वाली विधि है।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के दौरान महिला बीमार पड़ गई और केंद्र में आपातकालीन सहायता की कमी के कारण उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि वह कोमा में चली गई और उसे दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा।
डीसीपी ने कहा कि 19 अगस्त को आईवीएफ इलाज के दौरान वह बीमार पड़ गई और उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां 26 अगस्त को उसकी मौत हो गई। आईवीएफ केंद्र के मालिक ठाकुर को महिला की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
जांच में डॉक्टर की डिग्री निकली फर्जी
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, ठाकुर के मेडिकल सर्टिफिकेट्स का वैरिफिकेशन किया गया। 2005 की उनकी एमबीबीएस डिग्री में बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था, लेकिन वैरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई।
महिला की मौत के तुरंत बाद उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लगभग 40 वर्षीय फर्जी डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 338 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालना) और 304 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि ठाकुर की मेडिकल डिग्री के फर्जी पाए जाने के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है।
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