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स्किल इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत: पीएम मोदी
jantaserishta.com
11 March 2023 8:12 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भगवान विश्वकर्मा की जरूरतों के मुताबिक स्किल इंफ्रास्ट्रक्च र सिस्टम को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने 'पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान' विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित किया।
कौशल भारत मिशन और कौशल रोजगार केंद्र के माध्यम से करोड़ों युवाओं को कौशल प्रदान करने और रोजगार के अवसर सृजित करने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने एक विशिष्ट और लक्षित ²ष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
मोदी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना इसी सोच का परिणाम है।
योजना की आवश्यकता और 'विश्वकर्मा' नाम के औचित्य के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने भारतीय लोकाचार में भगवान विश्वकर्मा की उच्च स्थिति और उन लोगों के सम्मान की एक समृद्ध परंपरा के बारे में बात की जो अपने हाथों से औजार के साथ काम करते हैं।
PM Vishwakarma Yojana is aimed at handholding of artisans and people associated with small businesses. Sharing my remarks at a post-budget webinar. https://t.co/1KY4TS0ryZ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2023
हाथ से बने उत्पादों के निरंतर आकर्षण का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के प्रत्येक विश्वकर्मा को समग्र संस्थागत सहायता प्रदान करेगी जो आसान ऋण, कौशल, तकनीकी सहायता, डिजिटल सशक्तिकरण, ब्रांड प्रचार, विपणन और कच्चे माल को सुनिश्चित करेगी।
"योजना का उद्देश्य अपनी समृद्ध परंपरा को बनाए रखते हुए पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को विकसित करना है। हमारा उद्देश्य है कि आज के विश्वकर्मा कल के उद्यमी बन सकें। इसके लिए उनके व्यवसाय मॉडल में स्थिरता आवश्यक है।"
उन्होंने सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि वे विश्वकर्मा सहयोगियों की मदद करें, उनकी जागरूकता बढ़ाएं और इस तरह उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें। इसके लिए आपको मैदान में उतरना होगा, इन विश्वकर्मा साथियों के बीच जाना होगा।
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि कुशल कारीगर प्राचीन भारत में निर्यात के लिए अपने तरीके से योगदान दे रहे थे।
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि इस कुशल कार्यबल को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया था और गुलामी के लंबे वर्षों के दौरान उनके काम को गैर-महत्वपूर्ण माना गया था।
भारत की स्वतंत्रता के बाद भी, प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी बेहतरी के लिए काम करने के लिए सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया और परिणामस्वरूप, कौशल और शिल्प कौशल के कई पारंपरिक तरीकों को परिवारों द्वारा छोड़ दिया गया ताकि वे कहीं और जीवन यापन कर सकें।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्टार्टअप ई-कॉमर्स मॉडल के माध्यम से शिल्प उत्पादों के लिए बेहतर तकनीक, डिजाइन, पैकेजिंग और वित्तपोषण में मदद करने के अलावा एक बड़ा बाजार भी बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों से एक मजबूत खाका तैयार करने का अनुरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि सरकार देश के दूरदराज के हिस्सों में लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है और उनमें से कई को पहली बार सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
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