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न्यायिक प्रक्रिया में स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने की जरूरत: पीएम मोदी
jantaserishta.com
30 April 2022 5:33 AM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली के विज्ञान भवन में हाई कोर्ट्स के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन शुरू हो गया है.कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेक्नोलॉजी पर खासा जोर दिया. पीएम ने कहा कि डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. न्याय की देरी कम करने की कोशिश की जा रही हैं. बुनियादी सुविधाओं को पूरा किया जा रहा है. कोर्ट में वैकेंसी भरने की प्रोसेस चल रही है. न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक के रूप में है.
ये सम्मेलन सरकार और न्यायपालिका के बीच एक तरह से पुल माना जाता है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना मौजूद हैं.
दरअसल, न्यायिक प्रणाली आधुनिक और सक्षम होती जा रही है. इससे सबको सुगम, सुलभ और शीघ्र न्याय मिल रहा है. हाईकोर्ट्स ने भी बहुत बड़ी भूमिका अदा की है. कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जनता को सरल और शीघ्र न्याय दिलाने के लिए हम सभी प्रयासरत हैं. सबका साथ, विकास, विश्वास और प्रयास हमारा मंत्र है.
रिजिजू ने कहा कि पिछले 6 सालों में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बेहतर समन्वय रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनाकाल में भी वर्चुअल सुनवाई में अग्रणी भूमिका निभाई है. ई कोर्ट न्यायपालिका में एक और पंख है.
हमें कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इससे देश के सामान्य नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा, वो उससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/kpJXxbG06S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2022
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