भारत
NCRB की रिपोर्ट, 2020 में किसानों से ज्यादा व्यापारियों की खुदकुशी से मौत
jantaserishta.com
8 Nov 2021 9:02 AM GMT
x
DEMO PIC
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने साल 2020 में कितनी तबाही मचाई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 की तुलना में 2020 में आत्महत्या करने वालों में किसानों से अधिक बिजनेसमैन की संख्या है। 2020 में महामारी की वजह से आर्थिक संकट के एक साल के दौरान व्यापारियों (ट्रेड्समैन या कारोबारियों) के बीच आत्महत्या के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यहां तक कि साल 2020 में किसानों की तुलना में सबसे अधिक कारोबारियों ने ही आत्महत्या की है। एनसीबी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, साल 2020 में एक ही वर्ष में 10677 किसानों की तुलना में 11,716 बिजनेसमैन की आत्महत्या की वजह से मौतें हुई हैं। इन 11,000 से अधिक मौतों में आत्महत्या करने वाले 4,356 ट्रेड्समैन थे और 4,226 वेंडर्स यानी विक्रेता थे। बाकी मरने वाले लोगों को अन्य व्यवसायों की श्रेणी में रखा गया है।
ये तीन समूह हैं जिन्हें एनसीआरबी आत्महत्या रिकॉर्ड करते समय व्यापारिक समुदाय को वर्गीकृत करता है। 2019 की तुलना में 2020 में बिजनेस कम्यूनिटी (कारोबारी समुदाय) के बीच आत्महत्या के मामलों में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच व्यापारियों के बीच आत्महत्या 49.9 प्रतिशत की छलांग के साथ 2019 में 2,906 से बढ़कर 2020 में 4,356 हो गई।
वहीं, देश में कुल आत्महत्या का आंकड़ा 10 प्रतिशत बढ़कर 1,53,052 हो गया। यह अबतक का सबसे अधिक है। परंपरागत रूप से किसानों की तुलना में व्यापारिक समुदाय के बीच हमेशा ऐसी मौतें कम ही देखी गई हैं, मगर व्यापारी कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद उपजे आर्थिक संकट से तनाव में हैं। महामरी के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ। कई लोगों को दुकान बंद करने पर मजबूर होना पड़ा है।
Next Story