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NCRB रिपोर्ट: 2020 में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ बढ़े अपराध, यूपी और एमपी टॉप पर
Deepa Sahu
16 Sep 2021 6:19 PM GMT
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देश में हर दिन होने वाले अपराधों को लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से ताजा आंकड़ा जारी किया गया है।
देश में हर दिन होने वाले अपराधों को लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से ताजा आंकड़ा जारी किया गया है। एनसीआरबी ने कहा है कि साल 2020 में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है। इन दो समुदायों के खिलाफ यूपी और मध्य प्रदेश में अपराध के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देस में अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए 50,291 मामले दर्ज किए गए थे। साल 2019 की तुलना में इन अपराधों में 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2019 में एससी के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए कुल 45,961 मामले दर्ज किए थे। एनसीआरबी ने आगे कहा है कि साल 2020 में क्राइम रेट 22.8 प्रति लाख जनसंख्या से बढ़कर 25 प्रति लाख जनसंख्या हो गई थी।
एससी के लिए सबसे अधिक मामले
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 के दौरान एससी के खिलाफ हुए अपराध या अत्याचार में सबसे अधिक हिस्सा 'मामूली रूप से चोट पहुंचाने' का रहा और ऐसे 16,543 (कुल मामलों के 32.9 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए। इसके बाद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत 4,273 मामले (8.5 प्रतिशत) जबकि 'आपराधिक धमकी' के 3,788 (7.5 प्रतिशत)) मामले सामने आए। आंकड़ों से पता चलता है कि अन्य 3,372 मामले बलात्कार के लिए, शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमले के 3,373, हत्या के 855 और हत्या के प्रयास के 1,119 मामले दर्ज किए गए। अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ भी अपराध बढ़े
वहीं, अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अपराध करने के लिए कुल 8,272 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 7,570 थी। मतलब 2019 और 2020 की तुलना में ऐसे मामलों में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य कार्य करने वाले एनसीआरबी ने कहा कि साल 2019 में क्राइम रेट 7.3 प्रति लाख जनसंख्या थी, जबकि 2020 में यह बढ़कर 7.9 प्रति लाख जनसंख्या हो गई। साल 2020 के दौरान अनुसूचित जनजाति के खिलाफ हुए अपराध में सबसे ज्यादा केस मामूली रूप से चोट पहुंचाने के रहे और ऐसे 2,247 (27.2 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बलात्कार के 1,137 (13.7 प्रतिशत) मामलों के अलावा महिलाओं पर शील भंग करने के इरादे से हमले के 885 (10.7 प्रतिशत) मामले सामने आए।किस राज्य में कितने मामले हुए थे दर्ज?
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साल 2020 में एससी के खिलाफ हुए अपराधों के सबसे अधिक 12,714 मामले (25.2 प्रतिशत) उत्तर प्रदेश से थे। दूसरे नंबर पर बिहार रहा जहां 7,368 (14.6 प्रतिशत) केस दर्ज हुए। राजस्थान में 7,017 (13.9 प्रतिशत), मध्य प्रदेश में 6,899 (13.7 प्रतिशत) मामले सामने आए। जबकि महाराष्ट्र में 2,569 (5.1 प्रतिशत) और दिल्ली में साल 2020 में 69 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में साल 2019 में कुल 76 मामले दर्ज हुए थे।
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