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NCPCR ने राज्यों-UTs से बोले- कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों का डाटा पोर्टल पर करें अपलोड

Deepa Sahu
29 May 2021 9:17 AM GMT
NCPCR ने राज्यों-UTs से बोले- कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों का डाटा पोर्टल पर करें अपलोड
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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन सभी बच्चों का डेटा जमा करने का निर्देश दिया है,

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन सभी बच्चों का डेटा जमा करने का निर्देश दिया है, जो अनाथ हो गए हैं या अपने माता-पिता में से एक को कोविड -19 के चलते खो चुके हैं. एनसीपीआर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बाल स्वराज पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के लिए लिखा है. केयर और प्रोटेक्शन की जरूरत वाले बच्चों की डिजिटल मॉनिट्रिंग और ट्रैकिंग के लिए बनाए गए पोर्टल को महामारी के बीच COVID-केयर लिंक के जरिए इस्तेमाल के लिए बढ़ाया गया है.

आयोग ने कहा है कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 2 (14) के तहत जिन बच्चों ने कोरोनाकाल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है या परिवार के सपोर्ट के बिना केयर और प्रोटेक्शन की जिन्हें जरूरत है, ऐसे बच्चों के अधिकार को बरकरार रखा जाए और उनकी सुरक्षा की जाए.
आयोग ने राज्यों से की ये सिफारिश
यह भी कहा गया है कि बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 31 के तहत बाल कल्याण समिति के सामे पेश किया जाना है और अधिनियम के तहत प्रक्रिया का पालन किया जाना है. आयोग ने प्रत्येक बाल संरक्षण प्राधिकरण /अधिकारी को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत प्रक्रिया और कार्यों के लिए एक डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने की भी सिफारिश की है.
SCPCR से बातचीत के बाद तैयार किया डॉक्यूमेंट
आयोग ने SCPCRके साथ बातचीत के बाद यह डॉक्यूमेंट तैयार किया है. पिछले कुछ महीनों में कोविड -19 संकट की दूसरी लहर में हुई मौतों के चलते कई बच्चे बिना माता-पिता या अभिभावकों के रह गए हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में सूत्रों ने बताया था कि देश में कम से कम 577 बच्चे अपने माता-पिता की कोविड-19 से मौत के बाद अनाथ हो गए हैं. गैर-संस्थागत चाइल्ड केयर फंड ने ऐसे बच्चों की देखभाल के लिए प्रत्येक जिले को 10 लाख रुपये जारी किए थे.
गृहमंत्रालय ने राज्यों को लिखी थी चिट्ठी
21 मई को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें "कमजोर वर्गों" की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया था. खासकर उन बच्चों के लिए जिन्होंने COVID-19 संक्रमण के चलते माता-पिता को खो दिया था. दिल्ली, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब सहित कई राज्य सरकारों ने ऐसे बच्चों को सपोर्ट किया है. राज्य सरकारों ने इनके लिए मुफ्त शिक्षा और मंथली स्टाइपेंड जैसे ऐलान किए हैं.
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