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एनसीपी नेता शरद पवार ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर की टिप्पणी

jantaserishta.com
1 April 2022 3:53 PM GMT
एनसीपी नेता शरद पवार ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर की टिप्पणी
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कश्मीरी पंडितों के पलायन के विषय पर बनी 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्म है। एक तरफ जहां बीजेपी(BJP) इस फिल्म को बीजेपी शासित राज्यों में टैक्स फ्री कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इस फिल्म की विरोध में जुटा हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) समेत उनकी पार्टी 'आप' और बीजेपी के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर है। बीजेपी से अलग सोच रखने वाले ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इस फिल्म का विरोध किया है। अब इस फेहरिस्त में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार(Sharad Pawar) भी शामिल हो गए हैं। इस फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में देश भर में झूठ फैलाया जा रहा है। झूठ की वजह से देश का माहौल जहरीला बनाने की कोशिशें शुरू हैं। दिल्ली में अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में पवार ने कहा कि इस प्रकार की फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए इजाजत नहीं देनी चाहिए थी। इसके उलट इस मूवी को टैक्स में छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को देश को एकजुट रखने के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए। वही जनता से इस फिल्म को देखने की अपील कर रहे हैं। पवार यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा यह फिल्म लोगों को भड़काने का काम करती है। जिसे बीजेपी की तरफ से समर्थन दिया जा रहा है।

द कश्मीर फाइल्स का विरोध कांग्रेस पार्टी भी कर चुकी है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया था कि इस फिल्म के जरिए आवाम के बीच नफरत फैलाई जा रही है। वहीं शरद पवार ने कहा कि यह बात सत्य है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से भागना पड़ा था लेकिन मुसलमानों को भी इसी प्रकार से प्रताड़ित किया गया था
शरद पवार ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अगर वाकई में नरेंद्र मोदी सरकार को कश्मीरी पंडितों की फिक्र है तो उन्हें उनके पुनर्वसन के लिए कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ लोगों के दिल में नफरत और गुस्सा भड़काने के सिर्फ देश का माहौल खराब होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर हमले के लिए जिम्मेदार थे। शरद पवार की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के प्रति एनसीपी के नरम रुख को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तब देश में वीपी सिंह की सरकार थी, जिन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त था। उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद गृहमंत्री थे और जगमोहन जम्मू कश्मीर के राज्यापाल थे। जिन्होंने बाद में बीजेपी के टिकट पर दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। पवार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने जगमोहन के साथ अपने मतभेदों की वजह से इस्तीफा दे दिया था। उस समय राज्यपाल महोदय ने कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन में मदद की थी।


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