मुंबई: एक नेवी अधिकारी का अपहरण करने और अपहरण के बाद लाखों की फिरौती की मांग और फिर चेन्नई से महाराष्ट्र -गुजरात बॉर्डर पर लाकर जिंदा जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इलाज के दौरान नेवी अधिकारी सूरजकुमार मिथिलेश दुबे की मौत हो गई. मौत के पहले नेवी अधिकारी ने जो बताया वो दिल दहला देने वाला है. वारदात की शुरुआत करीब चार दिन पहले शुरू हुई. चेन्नई एयरपोर्ट से कुछ लोगों ने इंडियन नेवी के अधिकारी को अगवा किया. जिसकी पहचान झारखंड के रांची शहर के रहने वाले 27 साल के सूरजकुमार मिथिलेश दुबे के तौर पर हुई. सूरज दुबे से अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के नाम पर 10 लाख रुपए मांगा. तीन दिन तक चेन्नई में रखने के बाद अपहरणकर्ताओं ने सूरज को महाराष्ट्र और गुजरात बॉर्डर के नजदीक पालघर जिले में लेकर आए. पालघर के जंगलों में ले जाकर सूरज पर पेट्रोल छिड़ककर जला दिया.
5 तारीख की सुबह स्थानीय लोगों ने सूरज को जले हुए हालात में देखकर पुलिस को सूचित किया. सूरज को अस्पताल में भर्ती कराया गया. शनिवार को इलाज के दौरान सूरज की मौत हो गई. मरने से पहले सूरज ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सूरज ने साल 2001 में नेवी में सिबिंग सीमेन पद पर नौकरी की शुरुआत की थी. सूरज मिथिलेश दुबे 31 जनवरी को चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे थे. वहीं तीन अज्ञात लोगों ने सूरज का अपहरण किया. तीन दिनों तक चेन्नई में बंदूक की नोक पर अज्ञात जगह पर रखा और 10 लाख रुपए की मांग की. लेकिन फिरौती नहीं मिलने पर सूरज को ज़िंदा जला दिया. तीन अपहरणकर्ताओं के ख़िलाफ पालघर जिले में IPC की धारा 302, 364, 392 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी फरार बताए जा रहे है.