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नौसेना को मिला INS विशाखापट्टनम, समुद्र में खोद देगा दुश्मनों की कब्र
jantaserishta.com
21 Nov 2021 6:41 AM GMT
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नई दिल्ली. नौसेना (Indian Navy) को रविवार को एक और ताकत मिली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में नौसेना को पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत 'पी15बी' आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) सौंपा है. इस पोत का निर्माण स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है. इससे चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) को कड़ा मुकाबला दिया जा सकेगा. इस युद्धपोत में बेहद शक्तिशाली मिसाइलें और अन्य हथियार भी लगाए गए हैं, जिससे दुश्मन भारत की ओर देखने में भी कांप उठेगा.
आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7400 टन है. इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसे चार अलग-अलग गैस टर्बाइन इंजन से ताकत मिलती है.
नौसेना ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि मुंबई के मझगांव डॉक पर तैयार हुआ पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पोत पी15बी 'विशाखापट्टनम' 28 अक्टूबर को भारतीय नौसना को सौंपा गया था.
Mumbai: Defence Minister Rajnath Singh arrives at the Commissioning ceremony of INS Visakhapatnam.
— ANI (@ANI) November 21, 2021
INS Visakhapatnam, the indigenously built guided-missile destroyer, is all set to be commissioned today. pic.twitter.com/yXnFlB3raU
स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर अपने डेक से ही विमानरोधी मिसाइल को दाग सकता है. इससे दुश्मन के विमानों और उनकी मिसाइलों को कुछ सेकंड में ही तबाह किया जा सकता है. इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक मिसाइल सिस्टम समेत कई अन्य सेंसर और हथियार लगाए जा सकते हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विशाखापट्टनम को सेना को सौंपते हुए रविवार को कहा, 'आज हमारे पास बेहतर अवसर है कि हम देश को स्वदेशी निर्माण के लिए आगे बढ़ाएं. रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से विभिन्न प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि सफलता की यह रफ्तार बनाए रखें. सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.'
आईएनएस विशाखापट्टनम का निर्माण जनवरी 2011 के कॉन्ट्रैक्ट के तहत हुआ है. इसकी डिलीवरी नौसेना को 3 साल की देरी के बाद हुई है. इसके अलावा भी तीन और डिस्ट्रॉयर पोत बनने हैं. इन चारों की कुल लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये है.
आईएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन बीरेंद्र सिंह बैंस ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए शनिवार को कहा था कि कमीशनिंग के बाद नौसेना कुछ और परीक्षण जारी रखेगी. उन्होंने ये भी कहा कि ऑनबोर्ड मशीनरी, विभिन्न सहायक हथियार प्रणालियों और सेंसर में सुधार किया गया है.
ये युद्धपोत 30 समुद्री मील प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है. इस जहाज में दो हेलीकॉप्टर का भी संचालन किया जा सकता है.
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