भारतजेल में बंद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी, लगाया बड़ा आरोप
जेल में बंद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी, लगाया बड़ा आरोप
jantaserishta.com
25 April 2022 9:29 AM

x
फाइल फोटो
मुंबई: महाराष्ट्र में जारी हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बीच उद्धव ठाकरे के खिलाफ बीजेपी के अभियान के बीच चर्चा में आज अगर कोई चेहरा सबसे आगे है, तो वो हैं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा का. साउथ इंडियन फिल्मों की पूर्व एक्ट्रेस और सांसद नवनीत राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर पर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान क्या किया, शिवसैनिकों ने जमकर बवाल काटा. इसके बाद महाराष्ट्र की पुलिस ने कई केस दर्ज किए और सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को गिरफ्तार करके जेल पहुंचा दिया. अब नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं.
नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी है. इसमें नवनीत का दर्द छलक है. नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी. रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया. नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं. मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया. मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया.
नवनीत आगे कहती हैं कि मुझे रात को बाथरूम जाना था, लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया. फिर मुझे गाली दी गई. कहा गया कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते हैं. नवनीत ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है. ये लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में आए.
नवनीत ने चिट्ठी में कहा कि मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ फिर से जगाने को कोशिश की थी. इसी वजह से सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था. यह यह किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए या फिर तनाव भड़काने के लिए नहीं किया था.
मैंने सीएम उद्धव ठाकरे को हनुमान चालीसा के पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. मेरा कदम सीएम के खिलाफ नहीं था. लेकिन मुझ पर आरोप लगाया गया कि मेरे इस कदम से मुंबई में कानून और व्यवस्था को खतरा हो सकता है. इसके बाद मैंने ये भी कहा कि मैं सीएम आवास नहीं जाऊंगी.

jantaserishta.com
Next Story