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ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मामले में नवनीत कालरा को मिली जमानत
jantaserishta.com
29 May 2021 10:45 AM GMT
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फाइल फोटो
ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर कालाबाजारी मामले में दिल्ली की अदालत ने नवनीत कालरा को जमानत दी.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) की कालाबारी के आरोप में गिरफ्तार नवनीत कालरा (Navneet Kalra) की जमानत याचिका पर साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने पहले ही जवाब दाखिल कर दिया है. पुलिस ने कहा कि हम बचाव पक्ष की इस बात का विरोध करना चाहते हैं, जिसमें कहा गया है कि 'कंसंट्रेटर को लेकर लैब रिपोर्ट के बारे में जो तर्क दिया गया है, वो सही नहीं है'.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारी कीमत पर बेचा जा रहा था जो किसी काम का नहीं था. कंसंट्रेटर जर्मन मेड नही है और ना ही प्रीमियम क्वालिटी का है जैसा बताया गया था. पुलिस ने कहा कि कंसंट्रेटर की क्वालिटी आउटपुट रेट 30 प्रतिशत से कम है. इसकी कीमत 27,999 बताई गई थी लेकिन लोगों को 70 हजार और यहां तक कि लाखों में बेचा जा रहा था.
बचाव पक्ष ने दलील दी कि कंसंट्रेटर कोविड सेंटर को दान किए गए हैं. बचाव पक्ष के बयान को गलत बताते हुए पुलिस ने कहा कि कंसंट्रेटर का व्यापार किया गया है. पुलिस ने कहा कि हमने ये कंसंट्रेटर वितरण के लिए डीएम को दिए थे, हालांकि जैसे ही हमें पता चला कि ये कंसंट्रेटर नकली हैं, हमारे डीसीपी ने तुरंत डीएम को वितरण रोकने के लिए लैटर लिखा था.
पुलिस ने बचाव पक्ष की इस दलील का जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि अगर कंसंट्रेटर नकली थे तो उन्हें कोविड सेंटर्स और पुलिस अधिकारियों को क्यों दिया गया? पुलिस ने कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी कहती है कि यह उपयोगी नहीं है. पुलिस ने एडवाइजरी पढ़ी जिसमें कहा गया है कि कंसंट्रेटर 90 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी (Black Marketing) के मामले में आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा ने शुक्रवार को एक अदालत के समक्ष कहा था कि लोगों को ठगने का उसका कोई इरादा नहीं था और उसे मुकदमे से पहले हिरासत में नहीं रखा जा सकता. हाल में छापेमारी के दौरान खान चाचा, टाउन हॉल और नेगे एंड जू रेस्टोरेंट से 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए गए थे.
कालरा तीन जून तक न्यायिक हिरासत में है. कालरा को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी और मनमाने कीमतों पर इसकी बिक्री करने के लिए 17 मई को गिरफ्तार किया गया था. कालरा ने वरिष्ठ वकील विकास पाहवा के जरिए अदालत से कहा था कि किसी को भी ठगने का मेरा कोई आपराधिक मकसद नहीं था. सरकार को कंसंट्रेटर की बिक्री से फायदा हुआ है, उन्हें जीएसटी मिला है. मैंने आयकर का भुगतान किया था. वकील ने कहा कि खरीद के रसीद और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उनके (पुलिस) पास है. मेरे पास से कुछ और बरामद नहीं हुआ है.
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