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नवजोत सिंह सिद्धू ने शेयर किया पत्नी का डाइट प्लान, कहा- 'कैंसर से लड़ने में रहा मददगार'
jantaserishta.com
25 Nov 2024 12:13 PM GMT
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नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस डाइट प्लान को शेयर किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि कैंसर से जूझ रही उनकी पत्नी नवजोत कौर के बीमारी को मात देने में मददगार रहा था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनके लिए डॉक्टर भगवान का रूप हैं।
एक्स पर एक उन्होंने कहा, "आज मैं सभी के भले के लिए डाइट प्लान जारी कर रहा हूं। हमने जो कुछ भी किया है वह डॉक्टरों की सलाह के साथ एक सहयोगी प्रक्रिया में किया है। इस डाइट प्लान को बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। मैंने दुनिया के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन को इकट्ठा किया और डाइट प्लान बनाया। यह डॉक्टरों की सलाह से बनाया गया।"
उन्होंने कहा, "एक पुरानी कहावत है - जैसा अन्न, वैसा मन, वैसा तन। हम चाहते हैं कि जो खुशी हमें मिली है, जो फायदा लाभ हमें मिला है वह हम सबके साथ शेयर करें।"
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनकी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, सकारात्मकता और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था। इन सबको बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और जीवनशैली से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के" ऑटोफैगी" के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों के आधार पर तैयार की गई थी।
डाइट प्लान शेयर करते हुए उन्होंने लिखा:
आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 होना चाहिए, ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें। चाय के विकल्प के रूप में इसका सेवन करें।
रात के खाने और नाश्ते के बीच कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले और अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10 बजे करें। सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब के सिरका के साथ लहसुन की दो कली हर दूसरे दिन खाएं। इसके अगले दिन एक इंच कच्ची हल्दी या हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्तों का सेवन करें।
शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेद तिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी/चिया सीड्स) का सेवन करें।
तीन टुकड़े अखरोट, दो टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रातभर भिगोना चाहिए) का सेवन करें। स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करें।
दोपहर में या जब भी भूख लगे, सफेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घीया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हरसिंगार के काढ़ा का सेवन करें।
शरीर के वजन के एक प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें, जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्च शामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी चार-पांच)। चुकंदर या शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।
पके हुए भोजन का सीमित सेवन करें। दो पकी हुई सब्जियां या एक पकी हुई सब्जी और दालें या चना या राजमा एक सर्विंग (कटोरी) से अधिक न लें। पकाने से पहले उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।
दिन में कभी भी, खासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ दो चम्मच ईसबगोल का सेवन जरूरी है क्योंकि कैंसर की जीवन रेखा खाद्य पदार्थों का पूर्ण निष्कासन है। रिफाइंड कार्ब्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, दूध उत्पाद और किसी भी प्रकार के पैक्ड फूड का सेवन न करें।
हमेशा कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल या कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी) या कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल खाने में इस्तेमाल करें। किसी भी रिफाइंड तेल का सेवन न करें।
चपाती के लिए केवल क्विनोआ, बादाम या सिंघाड़ा के आटा का प्रयोग करें। उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा विकल्प है। कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे या चकोतरा के साथ जूस बनाकर करें।
नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। इसमें पालक, नीम, कड़ी पत्ते, लेट्यूस, धनिया, पुदीने के पत्ते, मूली के पत्ते, चुकंदर के पत्ते, किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।
किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक के बदले सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें, यह शरीर की बेहतरी के लिए उपचारात्मक दवा है ।
परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें। बिना किसी चीनी की कोटिंग के खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है।
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