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नवजोत सिद्धू की बड़ी बहन ने उन पर लगाए गंभीर आरोप, प्रापर्टी पर कब्जा कर मां को किया बेघर

jantaserishta.com
28 Jan 2022 7:52 AM GMT
नवजोत सिद्धू की बड़ी बहन ने उन पर लगाए गंभीर आरोप, प्रापर्टी पर कब्जा कर मां को किया बेघर
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नई दिल्ली. पंजाब में जहां चुनाव प्रचार (Punjab Election campaign) अपने चरम पर है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) कांग्रेस आलाकमान से सीएम चेहरे को घोषित करवाने की जंग लड़ रहे हैं. वहीं उनकी NRI 'बड़ी बहन' सुमन तूर ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि सिद्धू बहुत ही अत्याचारी हैं. तूर ने दावा किया कि सिद्धू ने पिता भगवंत सिद्धू की मौत के बाद अपनी मां निर्मल महाजन उर्फ निर्मल भगवंत को 1986 में घर से निकाल दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब सिद्धू ने पुश्तैनी जायदाद को हथियाने के लिए किया. सुमन तूर ने कहा कि सिद्धू ने 1987 में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जब वह दो साल के थे तो उनके माता पिता का सेपरेशन हो गया था, जिसके बाद उनका माता और बहनों के साथ कोई राफ्ता नहीं रहा.



उन्होंने बताया कि जब उनके पिता की मृत्यु के बाद उनका भोग हुआ तो सिद्धू ने मां के साथ उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था. यह सब उन्होंने जायदाद के लिए किया. तूर ने कहा कि वह सिद्धू को मिलने के लिए 20 जनवरी को उनके घर गई तो उनके लिए दरवाजा तक नहीं खोला गया. उनका वॉट्सऐप नंबर भी सिद्धू ने ब्लॉक कर रखा है. सुमन तूर ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था जैसा कि सिद्धू ने इंटरव्यू में कहा था और न ही उनकी उम्र उस वक्त 2 साल थी. उन्होंने कहा कि यह सब सिद्धू ने पैसों के लिए किया. सुमन तूर ने कहा कि उनकी माता की मौत 1989 में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लावारिस तौर पर हुई, जबकि सिद्धू ने उनकी सुध नहीं ली.
तूर ने कहा कि वह अपने पति के साथ 1990 में अमेरिका चली गई थीं. सिद्धू ने मां निर्मल महाजन उर्फ निर्मल भगवंत के साथ नाइंसाफी की. सुमन तूर ने कहा कि उन्हें मीडिया में दिए गए सिद्धू के इंटरव्यू की कॉपी लंबे समय से नहीं मिल रही थी. हाल ही में उन्हें यह कॉपी मिली तो वह सिद्धू से जानना चाहती हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. अपनी माता को बदनाम क्यों किया?
सुमन तुर ने कहा कि 'मैं अमेरिका रहती हूं. मेरे पति डॉक्टर हैं. मैं नवजोत सिद्धू की बड़ी बहन हूं. सिद्धू से 15 साल बड़ी हूं. हमारी एक बड़ी बहन थी, जिसकी डेथ हो चुकी है. जो अपने परिवार का नहीं हुआ, वो किसी का क्या होगा.'
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