नौकर ने रची थी फर्जी छापेमारी की साजिश, प्रोफेसर युवती भी शामिल थी वारदात में
यूपी UP News। मथुरा के गोविंद नगर क्षेत्र की राधा आर्चिड कॉलोनी में 30 अगस्त को सराफ के घर 15 करोड़ रुपये मिलने की आस में बदमाश फर्जी ईडी अफसर बनकर पहुंचे थे। वारदात की साजिश सराफ के नौकर ने रची थी। रविवार को युवती समेत पांच बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में खुलासे से पुलिस भी हैरान रह गई। अब तक पुलिस छह लोगों को जेल भेज चुकी है, जबकि मास्टर माइंड और अन्य की तलाश की जा रही है। Fake ED officer
पुलिस के मुताबिक, सराफा कारोबारी अश्वनी कुमार के यहां नौकरी करने वाले देवेश शर्मा के दिमाग में कमीशन के लालच में कारोबारी के यहां ईडी के छापे का आइडिया आया। उसने सोशल मीडिया पर देखा था कि ईडी को सूचना देने वाले को कमीशन मिलता है। उसे लगा कि कारोबारी के यहां ईडी को छापे में 70-80 करोड़ नकदी मिलेगी तो उसको अच्छा खासा कमीशन मिल जाएगा। देवेश ने महोली रोड पर दुकान करने वाले दोस्त जीतेश से कारोबारी के घर मोटी ब्लैक मनी होने की चर्चा की। जीतेश ने सेल्समैन गोविंद से मुलाकात कराई। गोविंद ने क्रीम से घी बनाने वाले नरेश से ईडी अधिकारी के बारे में जानकारी की। नरेश ने दिल्ली के कुछ युवकों से संपर्क कर योजना को अमलीजामा पहनवाया। दिल्ली के मास्टरमाइंड भी साजिश में शामिल थे। फिल्म स्पेशल-26 की तर्ज पर छापेमारी की साजिश रची गई थी। मथुरा एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि खुलासे के लिए पांच टीमें सीओ सिटी के नेतृत्व में लगाई गई थीं। bullion trader
ईडी अधिकारी बन घटना को अंजाम देने का ताना बाना बुनने वाले दिल्ली निवासी मास्टर माइंड के साथ बीटेक, एमटेक और पीएचडी करने के बाद प्रोफेसर की नौकरी करने वाली युवती लिव इन रिलेशन में रह रही थी। उसकी शादी पहले एक युवक से हुई थी, एक बच्चा भी है। बाद में रिश्ता टूट गया था।
मास्टर माइंड ने उससे कहा कि वह अच्छी अंग्रेजी जानती है। किसी को शक न हो इसके लिये तुम साथ में फाइल लेकर चलना ताकि अंग्रेजी में बात करने की जरूरत हो तो बात कर लेना। वह दिल्ली की जिम्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाती है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश के बी-ब्लाक में रहती हैं।