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कुदरत का कहर: ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारतें, दिखा भयावह मंजर

jantaserishta.com
16 Aug 2023 6:46 AM GMT
कुदरत का कहर: ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारतें, दिखा भयावह मंजर
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में कई दिनों तक लगातार बारिश के बाद भारी भूस्खलन का दौर चल रहा है। पिछले दो दिन में करीब पांच दर्जन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लापता हैं। सोलन, शिमला, मंडी समेत कई जिलों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। हिमाचल प्रदेश से जो डराने वाली तस्वीरें और वीडियोज सामने आ रहे हैं। पहाड़ों के दरकने से एक साथ कई मकान मिट्टी में मिल गए। राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार, 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य में मानसून के दौरान बादल फटने तथा भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं और करीब 9,600 मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
शिमला के कृष्णानगर इलाके में भूस्खलन के बाद कम से कम 8 घर ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया। बूचड़खाने का भवन गिरने से कई लोगों के दबने की आशंका है। विशालकाय पेड़ गिरने से कई मकान पल भर में जमीदोंज हो गए। इस घटना में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि ताजा भूस्खलन में दो शव बरामद किए गए हैं। फागली में भी भूस्खलन की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई है।
रविवार देर रात सेघली पंचायत में भूस्खलन में दो साल के बच्चे सहित एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई, जबकि पंडोह के पास संभल में छह शव बरामद किए गए। सोलन जिले में 11 लोगों की जान चली गई। रविवार रात बादल फटने से जादोन गांव में दो घर बह गए, जिससे एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई।
शिमला के पास भूस्खलन की चपेट में 50 मीटर लंबा पुल आ जाने के कारण, यूनेस्को विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने बताया कि शिमला से करीब 6 किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट का पुल पूरी तरह नष्ट हो गया तथा पांच या छह स्थानों पर इस धरोहर रेल मार्ग को क्षति पहुंची तथा सबसे अधिक नुकसान शिमला और शोघी के बीच हुआ है। समरहिल में ही शिव मंदिर पर पहाड़ गिर जाने से करीब दो दर्जन लोग दब गए।
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