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नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति को दी मंजूरी, 20 लाख रुपये तक मिलेगी सरकारी सहायता

jantaserishta.com
4 April 2021 9:28 AM GMT
नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति को दी मंजूरी, 20 लाख रुपये तक मिलेगी सरकारी सहायता
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फाइल फोटो 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति, 2021 को मंजूरी दे दी है . इस नीति का उद्देश्य दुर्लभ बीमारियों की देशी दवा उपलब्ध कराना, देश में रिसर्च को प्रोत्साहन करना, बीमारी की लागत को कम करना और स्थानीय उत्पादन पर जोर देना है. आधिकारिक बयान के मुताबिक राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना के तहत उन दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है, जो दुर्लभ बीमारी नीति में समूह एक के तहत सूचीबद्ध हैं. इस योजना को देश के 40 प्रतिशत आबादी तक पहुंचाई जाएगी. बयान में कहा गया कि दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता का प्रस्ताव राष्ट्रीय आरोग्य निधि (आरएएन) योजना के तहत किया गया है, न कि आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के तहत।

सात प्वाइंट में समझिए नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज
1. रेयर डिजीज में होने वाले खर्च को कम करने के लिए स्वदेशी रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा. दवाइयों को देश में ही बनाया जाएगा.
2. रेयर डिजीज से पीड़ित लोगों को अधिकतम 20 लाख की सहायता. इसमें उन लोगों को लाया जाएगा जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र हैं.
3. रेयर डिजीज में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी. इसमें कॉरपोरेट और हर तरह के व्यक्तियों का सहयोग लिया जाएगा.
4. रेयर डिजीज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक अस्पताल आधारित रजिस्ट्री की व्यवस्था की जाएगी जिसमें हर तरह के डेटा उपलब्ध होंगे. इससे इच्छुक लोग रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए एक प्लेटफॉर्म से डाटा की जानकारी ले सकेंगे.
5. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर और काउंसलिंग के माध्यम से रेयर डिजीज की पहचान एकदम शुरुआती चरण में की जाएगी.
6. रेयर डिजीज पर राष्ट्रीय नीति बनाने से पहले हेल्थ मिनिस्ट्री ने 13 जनवरी 2020 को सभी से सुझाव मांगे थे. इसके बाद सभी तरह के हितधारकों से सुझाव के बाद यह नीति लाई गई है.
7. रेयर डिजीज पर देश में बहुत कम रिसर्च हो रही है. इसके अलावा दवाइयों का भी अकाल है. लोगों में जागरूकता की कमी है. इसे लेकर देश के कई अदालतों ने सरकार से इस पर नीति बनाने के लिए कहा था. इन सभी बातों के मद्देनजार केंद्र सरकार ने नेशनल पॉलिसी फ़र रेयर डिजीज 2021 बनाई है.

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