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देश भर में आयोजित हुई राष्‍ट्रीय लोक अदालत, 33 लाख से ज्यादा मुकदमों पर हुई सुनवाई, 1500000 से अधिक का निपटारा

HARRY
12 Sep 2021 3:34 AM GMT
देश भर में आयोजित हुई राष्‍ट्रीय लोक अदालत, 33 लाख से ज्यादा मुकदमों पर हुई सुनवाई, 1500000 से अधिक का निपटारा
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नई दिल्ली: न्याय प्रणाली पर दबाव घटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तहत 33 लाख से अधिक लंबित एवं वाद-पूर्व मामलों में 15 लाख मामलों का देश भर में शनिवार को लगाई गई लोक अदालतों में निस्तारण किया गया तथा 2,281 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश जारी किया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) द्वारा इस साल आयोजित यह तीसरी लोक अदालत है.

नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश यू यू ललित ने कहा, ''राष्ट्रीय लोक अदालत देश में न्याय प्रणाली पर बोझ को घटाने के लिए जरूरी है. '' नालसा ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालतों की निगरानी करने वाले न्यायमूर्ति ललित ने 50 से अधिक पीठासीन न्यायाधीशों से बात की. इसमें कहा गया है कि वर्चुअल और हाइब्रिड माध्यमों से आयोजित लोक अदालतों में 33,12,389 मामले लिये गये, जो या तो अदालतों में लंबित थे या फिर वाद-पूर्व चरण में थे.
नालसा के सदस्य सचिव ने एक बयान में कहा कि शनिवार शाम चार बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 15, 33,186 मामलों का निस्तारण किया गया और मुआवजे के तौर पर 22,81,30,62,951 रुपये देने का आदेश जारी किया गया. इनमें से ज्यादातर मामले मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, वैवाहिक विवाद, चेक बाउंस और श्रमिकों से जुड़े विषयों से थे. अब अगली लोक अदालत दिसंबर 20121 में आयोजित की जाएगी.
जिन चार राज्यों में लोक अदालत आयोजित नहीं हो सकतीं, उनके लिए बयान में कहा गया है कि ओडिशा के लिए यह 19 सितंबर, महाराष्ट्र और गोवा में 25 सितंबर और कर्नाटक में 30 सितंबर को आयोजित होगी. राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों (एसएलएसए) और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों (डीएलएसए) द्वारा व्यापक श्रेणी के आपराधिक और दीवानी मामलों के सौहार्दपूर्ण समझौते एवं निपटारे के लिए विभिन्न पीठ को भेजा गया है.
लोक अदालतों में जिन मामलों के निपटारे हो सकेंगे, उनमें धारा 138 के तहत आने वाले NI एक्ट के मामले, बैंक रिकवरी केस, MACT केस, लेबर विवाद, बिजली-पानी के बिल, तलाक संबंधी मामले, भूमि अधिग्रहण मामले शामिल हैं. NALSA के एक्सीक्यूटिव चेयरमैन जस्टिस ललित ने जोर देकर कहा है कि लोक अदालत में जितने ज्यादा से ज्यादा मामले निपटाए जा सकते हैं, उन्हें पूरी क्षमता के साथ निपटाया जाए.
NALSA के चेयरमैन जस्टिस ललित ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अलग-अलग रणनीति पर भी काम करने को लेकर जोर दिया है. NALSA ने SLSAs और हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के लिए कई निर्देश भी जारी किए हैं, जिनका लोक अदालत के दौरान पालन करने को कहा गया है. इसमें ऐसे मामलों की पहचान करना है, जिनमें सुलह की संभावना है. इसके अलावा पार्टियों को ई-सर्विस मोड या फिर फिजिकल तरीके से जल्द से जल्द नोटिस जारी करने को कहा है.
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