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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गांवों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिया निर्देश

Admin Delhi 1
9 Aug 2023 2:35 PM GMT
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गांवों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिया निर्देश
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नॉएडा ब्रेकिंग: ग्रेटर नोएडा को बसे हुए 32 साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन यहां के लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। लोग सुविधाओं के लिए आएदिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चक्कर काटते देखे जा सकते हैं। इस बीच एनजीटी ने अपने एक आदेश से गांवों की दयनीय स्थिति को लेकर अथॉरिटी के उन दावों की पोल खोल कर रख दी। जिनमें प्राधिकरण यहां के गांवों स्मार्ट बनाने का दावा करता है। एनजीटी ने ग्रेटर नोएडा के ऐसे 93 गांवों को लेकर प्राधिकरण को सख्त निर्देश दिए हैं, जहां सीवर जैसे आधारभूत जरूरतें पूरी तरह से नदारद हैं। अपने आदेश में एनजीटी ने प्राधिकरण को ग्रेटर नोएडा के 93 गांवों में सीवर लाइनें बिछाकर और गांव वालों को कनेक्शन मुहैया करने के बाद तीन महीने में इस पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

तालाब में जाता है गंदा पानी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहुंचे याचिकाकर्ता कर्मवीर सिंह और प्रदीप कुमार ने कोर्ट को बताया कि ग्रेटर नोएडा के 93 गांव ऐसे हैं, जहां सीवरेज जैसे अहम और बुनियादी ढांचे की कमी है। इन गांव में सीवर की कोई व्यवस्था नहीं है। घर में बने शौचालय की पाइप नालियों से जुड़ी हुई हैं। इसका गंदा पानी तालाब में जाता है। इसका असर यहां के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

तीन महीने में रिपोर्ट देने का आदेश

याचिकाकर्ताओं के वकील आकाश वशिष्ठ ने बताया कि एनजीटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इसको लेकर तीन महीने के भीतर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने निर्देश दिया है कि प्राधिकरण गांवों में सीवर लाइनें बिछाकर कनेक्शन लेने को लेकर राजी करे। इन कनेक्शन की एवेज में प्राधिकरण जरूरत पड़ने पर गांव वालों से शुल्क भी ले सकता है।

सड़कों पर बहता है गंदा पानी

अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने बताया कि संयुक्त समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सीवरेज के बुनियादी ढांचे को बिछाने और जहां भी बिछाया गया, वहां घरों को इसके साथ जोड़ने में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया गया। ज्यादातर गांवों में सीवेज नहीं होने के कारण गंदा पानी आम रास्तों पर बह रहा है। इससे लोगों को दिक्कत तो का सामना करना पड़ रहा है।

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