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4 दिन चला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन

jantaserishta.com
10 Dec 2023 3:19 PM GMT
4 दिन चला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन
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नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार शाम दिल्ली में संपन्न हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस अधिवेशन में पहुंचे थे। यह राष्ट्रीय अधिवेशन 7 से 10 दिसंबर तक दिल्ली में आयोजित किया गया। चार दिन तक चले इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के विभिन्न प्रांतों से आए दस हजार प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। शिक्षा, समाज, पर्यावरण, एवं महिला सशक्तिकरण पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किए गए।

विद्यार्थी परिषद के मुताबिक, समापन कार्यक्रम में नवीन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी घोषणा की गई। यह नवीन कार्यकारिणी पूरे वर्ष छात्र एवं समाज हितों में कार्य करेगी। अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि अभाविप के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन मंथन, मंचन और मंत्रण का मंच है, जो विचार-विमर्श, कला एवं रचनात्मकता तथा शिक्षा तथा राष्ट्र पुनर्निर्माण से जुड़े विषयों पर पूरे देश के प्रतिनिधियों को एक साथ सम्मिलन और सहभाग का अवसर देता है। इस वर्ष अभाविप अपने 75वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, इसलिए भी यह अधिवेशन महत्वपूर्ण है।

इस वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ भी है। इसी उपलक्ष्य पर अभाविप ने गत 28 नवंबर को महाराष्ट्र के रायगड क़िले से हिन्दवी स्वराज्य यात्रा भी शुरू की थी। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक हिन्दवी स्वराज्य यात्रा देश के 75 ज़िलों से गुजरी। विभिन्न स्थानों की मिट्टी कलश में एकत्रित कर 07 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक अधिवेशन में कीर्तिमान स्थापित करते हुए ध्वजारोहण के बाद एक साथ 8500 विद्यार्थियों और 150 दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वंदे मातरम का गायन किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि उन्‍होंने श्रीराम मंदिर तथा महिलाओं के सुरक्षा एवं संवर्धन जैसे विषयों से संबंधित आंदोलनों का नेतृत्व किया है। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि राजनैतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लाए गए नारी शक्ति अधिनियम 2023 का पारित होना न केवल जन आकांक्षाओं की पूर्ति है, बल्कि महिला नेतृत्व विकसित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति की परिणति है। वहीं दूसरी तरफ राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा होना भारत की पौराणिक व सांस्कृतिक धरोहर की पुनर्स्थापना के साथ ही विगत 500 वर्षों से चले आ रहे अनवरत संघर्ष की सफलता का प्रतीक है।

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