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नासा रिपोर्ट ने बताया- भारत के 12 तटीय शहर डूबने का ज्यादा खतरा, धरती में बढ़ती गर्मी के कारण ग्लेशियर पिघलेंगे
Deepa Sahu
10 Aug 2021 4:49 PM GMT
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ग्लोबल वार्मिंग के चलते जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा पूरी दुनिया झेल रही है।
ग्लोबल वार्मिंग के चलते जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा पूरी दुनिया झेल रही है। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की रिपोर्ट के आधार पर अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) ने भारत के 12 तटीय शहरों के सदी के अंत तक डूबने खतरा जताया है। नासा ने कहा है कि इस सदी के अंत तक इन शहरों में तीन फीट तक समुद्री पानी भर सकता है। लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण ग्लेशियरों के पिघलने से यह स्थिति बनेगी।
इन शहरों पर रहेगा संकट
महाराष्ट्र के मुंबई, गुजरात के ओखा, कांडला, भावनगर, गोवा के मोरमुगाओ, कर्नाटक के मंगलूरू, तमिलनाडु के चेन्नई व तूतीकोरिन, आंध्र के विशाखापट्टनम, केरल के कोच्चि, ओडिशा के पारादीप और पश्चिम बंगाल के किडरोपोर पर पड़ेगा।
नासा ने बनाया सी लेवल टूल
नासा ने एक सी लेवल प्रोजेक्शन टूल बनाया है। इससे समुद्री तटों पर आने वाली आपदा से वक्त रहते लोगों को निकालने और जरूरी इंतजाम करने में मदद मिलेगी। इस ऑनलाइन टूल से कोई भी भविष्य में आने वाली आपदा यानी बढ़ते समुद्री जलस्तर का पता कर सकेगा। नासा आईपीसीसी की रिपोर्ट के आधार पर समूचे विश्व के समुद्री जलस्तर में बदलाव का आकलन करता है।
आईपीसीसी 1988 से हर पांच से सात सालों में पृथ्वी की जलवायु का वैश्विक स्तर पर आकलन कर रहा है। यह पूरे ग्रह में तापमान और बर्फ के आवरण, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और समुद्र के स्तर में बदलाव पर ध्यान केंद्रित करता है। आईपीसीसी की छठी रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई थी।
As communities across the world prepare for the impacts of sea level rise, a new visualization tool provided by @NASAClimate & @IPCC_CH gives users the ability to see what sea levels will look like anywhere for decades to come. Discover more: https://t.co/VAST2xSOyE pic.twitter.com/nePqLntrqv
— NASA (@NASA) August 9, 2021
दो दशक में 1.5 डिग्री बढ़ेगा तापमान
आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2100 तक दुनिया का तापमान काफी बढ़ जाएगा। भयानक गर्मी झेलनी पड़ेगी। कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका तो तापमान में औसतन 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। अगले दो दशक में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इससे ग्लेशियर भी पिघलेंगे। इनका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा।
कई द्वीप डूब गए
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि सी लेवल प्रोजेक्शन टूल के आधार पर तैयार किए गए अनुमान के अनुसार अगली सदी तक हमारे कई देशों में समुद्री जलस्तर इतना तेजी से बढ़ेगा कि संभालना मुश्किल होगा। कई द्वीप डूब गए हैं। कई अन्य को समुद्र निगल लेगा। ओडिशा का एक तटीय गांव हाल ही में खाली कराया गया था। वहां का सदियो पुराना मंदिर हाल में समुद्री लहरों से जमींदोज हो चुका है।
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